अयोध्या पर फैसले से सहमत नहीं असदुद्दीन ओवैसी, कह डाली इतनी बड़ी बात
By: Pinki Sat, 09 Nov 2019 2:58:52
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वे अयोध्या पर फैसले से सहमत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपने कानूनी हक के लिए लड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपने लिए अपने पैसे से मस्जिद बना सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च जरूर है, लेकिन अचूक नहीं है।
असदुद्दीन ओवैसी कहा कि मैं वकीलों की टीम को धन्यवाद देता हूं। मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस बात से सहमत हूं कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है, लेकिन वह अचूक नहीं है। मुस्लिम समाज ने अपने वैधानिक हक के लिए संघर्ष किया। हमें 'खैरात' की जरूरत नहीं है। ये मेरा निजी तौर पर मानना है कि हमें 5 एकड़ जमीन के ऑफर को वापस लौटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि फैक्ट्स पर आस्था की जीत हुई है। और मुझे इस बात की चिंता है कि संघ अब काशी और मथुरा के मुद्दे के भी उठाएगा।
Asaduddin Owaisi: Not satisfied with the verdict. Supreme Court is indeed supreme but not infallible. We have full faith in the constitution, we were fighting for our right, we don't need 5 acre land as donation. We should reject this 5 acre land offer, don't patronize us. pic.twitter.com/wKXYx6Mo5Q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
ओवैसी के इस बयान के बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का मौका होता है। हर जगह हर मुद्दे पर ऐसे लोग मिलेंगे जिनमें कुछ सहमत होंगे और कुछ असहमत होंगे। ऐसा करने का अधिकार हर किसी को होता है। देश को फैसले के बाद एकता दिखानी होगी।
बता दे, अयोध्या में दशकों से चला आ रहा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर आज शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन पर रामलला का दावा मान्य है। इस जमीन पर मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने में ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया गया है। केंद्र सरकार ही ट्रस्ट के सदस्यों का नाम निर्धारित करेगी। इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया गया है।