तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में होगा पेश, सांसदों की गैर मौजूदगी का BJP को मिल सकता है फायदा

By: Pinki Tue, 30 July 2019 07:46:23

तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में होगा पेश, सांसदों की गैर मौजूदगी का BJP को मिल सकता है फायदा

लोकसभा से पास होने के बाद केंद्र सरकार मंगलवार को तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश करने जा रही है। बीजेपी ने इसे लेकर अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। राज्यसभा में तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार गैर एनडीए, गैर-यूपीए पार्टियों पर निर्भर रहेगी।

बहरहाल, बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन उसने बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से पिछले सप्ताह सूचना का अधिकार विधेयक राज्यसभा में पारित कराया था। तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर भी बीजेपी को इन दलों से समर्थन की फिर से उम्मीद है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस विधेयक पर मतदान के दौरान जनता दल यूनाइटेड, तेलगु देशम पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाइएसआर कांग्रेस के सांसद अनुपस्थित रह सकते हैं।

सूत्रों की मानें तो नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) और समाजवादी पार्टी के भी कुछ सांसद राज्यसभा में अनुपस्थित रहेंगे। बताया गया कि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के सांसद भी विधेयक पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहेंगे। अगर सदन में सत्ता पक्ष के संख्या बल की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के पास 77, अकाली दल 3, नामित 3, निर्दलीय चार, अगप 3, एलजेपी 1, बीपीएफ 1, एनपीपी 1, 1 बीजेडी, आरपीआई 7, 1 एसडीएफ के सांसद हैं। ऐसे में बीजेपी का आंकड़ा 103+ जा रहा है।

वहीं विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के 45, डीएमके के 5, 1 पीएमके, 6 लेफ्ट, 4 बसपा, 10 सपा, 3 आप, 2 पीडीपी, 1 IUML, 4 राजद, 1 तुलसी, 1 वीरेंद्र कुमार, 1 केरल कांग्रेस और 12 टीएमसी के सांसद हैं। ऐसे में विपक्ष का संख्या बल 100 के आस-पास है। ऐसे में अगर विपक्ष के सांसद राज्यसभा में विधेयक पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।

25 जुलाई को लोकसभा में तीन तलाक को अपराध बनाने वाला बिल चर्चा कर पास कर दिया गया था। पेश करने के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े। कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया, जबकि टीएमसी और सरकार की सहयोगी जेडीयू ने वोटिंग से पहले सदन से वॉक आउट कर दिया। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। अब इस बिल को राज्यसभा से पारित कराने की चुनौती सरकार के सामने हैं, जहां एनडीए के पास पूर्ण बहुमत नहीं है।

बता दे, राज्यसभा में इस समय 240 सदस्य हैं। ऐसे में अगर सरकार को किसी भी बिल को पास करना है तो उसे 121 सदस्यों का समर्थन चाहिए होता है। इससे पहले सरकार का दावा था कि उसके पास राज्यसभा में 117 सदस्यों का समर्थन मौजूद है। अभी तक की खबर के मुताबिक, अगर जदयू, टीआरएस, वाईएसआर के 14 और राजद-सपा के तीन सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं तो सदन की शक्ति 223 रह जाएगी। इस लिहाज से से बिल पास कराने के लिए 223 में से केवल 112 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी, जबकि सरकार के पास 117 सदस्यों का समर्थन होगा।

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