संसद में पहली बार रातभर प्रदर्शन, धरने पर बैठे सांसदों के लिए सुबह चाय लेकर पहुंचे उपसभापति

By: Pinki Tue, 22 Sept 2020 09:13:54

संसद में पहली बार रातभर प्रदर्शन, धरने पर बैठे सांसदों के लिए सुबह चाय लेकर पहुंचे उपसभापति

कोरोना के बीच मानसून सत्र का आज 9वां दिन है। इससे पहले किसानों से जुड़े बिल के विरोध में राज्यसभा के सभी आठ निलंबित सांसद रातभर धरने पर बैठे रहे, धरना अब भी जारी है। इस बीच राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश उनके लिए सुबह की चाय लेकर पहुंचे, लेकिन सांसदों ने चाय पीने से मना कर दिया। इस दौरान संजय सिंह ने ट्वीट करके कहा कि उपसभापति जी सुबह धरना स्थल पर मिलने आये हमने उनसे भी कहा कि नियम क़ानून संविधान को ताक़ पर रखकर किसान विरोधी काला क़ानून बिना वोटिंग के पास किया गया जबकि BJP अल्पमत में थी और आप भी इसके लिये जिम्मेदार हैं। चाय लेकर पहुंचे उपसभापति हरिवंश से सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये व्यक्तिगत रिश्ते निभाने का सवाल नहीं है। यहां हम किसानों के लिए बैठे हुए हैं। किसानों के साथ धोखा हुआ है। यह पूरे देश ने देखा है।

सस्पेंड हुए सांसदों को सपोर्ट करने के लिए सोमवार रात दूसरे विपक्षी दलों के सांसद भी पहुंचे। कई नेताओं ने बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब संसद परिसर में रातभर प्रदर्शन चला हो। हालांकि, विधानसभाओं में ऐसा होता रहा है।

आपको बता दे, रविवार को राज्यसभा में जब किसानों से जुड़ा बिल पेश किया जा रहा था, तब चेयर पर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश बैठे थे। इस दौरान ही सांसदों ने हंगामा किया और रुल बुक को कथित तौर पर फाड़ दिया। इसके साथ ही माइक को तोड़ दिया। रविवार को हुए हंगामे पर राज्यसभा के सभापति एम। वेंकैया नायडू ने सख्त एक्शन लेते हुए डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजीव साटव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन और ए करीम को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद सभी निलंबित सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठ गए हैं। धरना प्रदर्शन पूरी रात चला और सांसद, संसद परिसर में डटे हुए हैं।

आप के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'यह व्यक्तिगत रिश्ते निभाने का वक्त नहीं है। हम किसानों के लिए धरने पर बैठे हैं। उपसभापति जी मिलने आए, हमने उनसे भी कहा कि संविधान को ताक पर रखकर किसान विरोधी काला कानून बिना वोटिंग के पास किया गया, जबकि भाजपा अल्पमत में थी और आप भी इसके लिये जिम्मेदार हैं।'

2 सांसदों की उम्र 65 से ज्यादा

धरने पर बैठे सांसदों ने अपने-अपने घरों से तकिया और कंबल ही नहीं, बल्कि मच्छर भगाने की दवा भी मंगवा ली। इमरजेंसी के लिए मौके पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। उनकी बड़ी चिंता अपने दो साथियों- कांग्रेस के रिपुन बोरा और सीपीआई के ई करीम को लेकर है, क्योंकि दोनों की उम्र 65 साल से ज्यादा है और दोनों ही डायबिटीज के पेशेंट हैं।

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