बिहार / कागज पर चल रहा था क्वारंटाइन सेंटर, हुआ खुलासा, सीओ को देनी पड़ी सफाई

By: Pinki Thu, 04 June 2020 3:48:55

बिहार / कागज पर चल रहा था क्वारंटाइन सेंटर, हुआ खुलासा, सीओ को देनी पड़ी सफाई

बिहार के जमुई जिले से क्वारंटाइन सेंटर से जुड़ा एक बेहद ही चौकाने वाला मामला सामने आया है। जमुई जिले के गिद्धौर प्रखड में एक स्कूल में बना क्वारंटाइन सेंटर सिर्फ कागज पर ही चल रहा था। खुद स्कूल के हेडमास्टर ने इसका खुलासा करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है।

दरअसल हाई स्कूल में बने क्वारंटाइन में 20 प्रवासी मजदूरों के रहने की बात कही गई है लेकिन स्कूल के हेडमास्टर ने आरोप लगाया है कि वहां रहने के लिए एक भी प्रवासी नहीं आया है, यहां तक कि स्कूल में बने सेंटर में कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है। वहीं अंचलाधिकारी ने बताया कि भूलवश प्रखंड के प्रतिवेदन में स्कूल का भी जिक्र हो गया था।

यह है पूरा मामला

दरअसल पूरा मामला कुछ यूं है कि जिले के गिद्धौर प्रखंड धोवघट गांव के प्लस टू हाई स्कूल में क्वारंटाइन बनने और वहां 20 प्रवासी को ठहरने और फिर उन्हें वहां से होम क्वारंटाइन में जाने की रिपोर्ट देखकर स्कूल के शिक्षक और हेडमास्टर हैरान रह गए। फिर स्कूल के हेडमास्टर ने गिद्धौर के अंचलाधिकारी को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की। हेडमास्टर कामता प्रसाद द्वारा अंचलाधिकारी को दिये गए पत्र के मुताबिक प्रखंड के कोल्हुआ पंचायत का क्वारंटाइन धोवघट स्थित हाई स्कूल को 20 मई को बनाया गया था। जिसके बाद 21 मई को स्कूल के हेडमास्टर ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र भेजकर मांग की थी कि स्कूल परिसर में बने क्वारंटाइन में सारी सुविधा मुहैया करवाई जाए।

हेडमास्टर ने उठाए थे ये सवाल

हे़डमास्टर के आरोप के अनुसार इस क्वारंटाइन सेंटर में न तो आवश्यक सामग्री दी गई और न ही एक भी प्रवासी का यहां आगमन हुआ। जब एक भी प्रवासी का आगमन नहीं हुआ तो आखिर प्रखंड स्तर के क्वारंटाइन के दैनिक प्रतिवेदन में यह कैसे दर्ज हो गया कि इस स्कूल में में 20 लोग आए और अवधि पूरा होने पर 29 मई को अपने घर लौट गए। सबसे खास बात ये कि जिन प्रवासी लोगों को यहां रहने की बात की जा रही है और वो जब यहां रहे ही नहीं तो इस इस लापरवाही का नुकसान कहीं लोगों को न उठाना पड़ जाए।

जिलाधिकारी ने करवाई जांच

इधर प्रधानाध्यापक के आरोप के बाद मामला सामने आने पर डीएम के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी पदाधिकारी द्वारा मामले की जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट में यह सामने आया कि उच्च विद्यालय धौवघट के क्वारंटाइन सेंटर पर 21 मई को 20 प्रवासी को क्वेरेंटाइन के लिए भेजा गया था, लेकिन सेंटर प्रभारी सह प्रधानाध्यापक के द्वारा किसी कारण से विद्यालय का कमरा खोलने नहीं खोलने के कारण उन सभी प्रवासी मजदूरों को तत्काल उसी पंचायत में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया था। जिसे बाद में 22 मई की रात्रि को सभी लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया था।

सीओ ने कही ये बात


बहरहाल इस मामले में गिद्धौर प्रखंड के अंचलाधिकारी अखिलेश प्रसाद सिन्हा ने भी बताया कि प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर के दैनिक प्रतिवेदन में भूलवश उस स्कूल का भी रिपोर्ट बन गयी थी जिसमें 20 प्रवासी के रहने का जिक्र हुआ था। दैनिक प्रतिवेदन में सुधार कर नयी रिपोर्ट बना दी गयी है।

बता दे, बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 हजार 420 हो गई है। गुरुवार को 94 नए मरीज मिले। कोरोना के मरीज शिवहर के बुजुर्ग की मौत हो गई। उनका इलाज पटना के एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल) में चल रहा था। राज्य में कोरोना के 27 मरीज की मौत हुई है। बुधवार को 230 मरीज मिले थे, जिनमें 86 खगड़िया के थे। एक दिन में इतनी अधिक संख्या में मरीज मिलने से खगड़िया कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित जिला (257 संक्रमित) बन गया। वहीं, संक्रमण से मुक्त होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। बुधवार को 222 संक्रमितों ने कोरोना को मात दी। राज्य के 2 हजार 25 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

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