किसानों को कानूनी सहायता के लिए पंजाब सरकार ने नियुक्त किये 70 वकील

By: Pinki Tue, 02 Feb 2021 08:45:30

किसानों को कानूनी सहायता के लिए पंजाब सरकार ने नियुक्त किये 70 वकील

दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत कर दी है। टीकरी बॉर्डर पर पहले यहां पर सीसी की दीवार बनाई गई थी। सात लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी, मगर अब सड़क खोदकर उसमें लंबी-लंबी कीलें व नुकीले सरिया लगा दिए गए हैं। सिंघु बार्डर पर भी पुलिस की ओर से अब सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा कड़ी की जा रही है। इसी के मद्देनजर बैरिकेड्स को अब वेल्ड कर उनके बीच की जगह में रोड़ी, सीमेंट आदि डाल कर मजबूती दी जा रही है। गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का केंद्र बन गया है। यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां रातो-रात 12 लेयर की बैरिकेडिंग भी लगा दी गई है। वहीं, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह दिल्ली में 70 वकीलों को नियुक्त किया है ताकि किसानों को कानूनी सहायता मिल सके। अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर 112 की भी घोषणा की है, जिस पर लोगों को गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड के बाद 'लापता व्यक्तियों' के बारे में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।

पंजाब के सीएम ने एक ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होंने कहा, 'पंजाब सरकार ने दिल्ली में 70 वकीलों की एक टीम की व्यवस्था की है, ताकि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए किसानों को तुरंत कानूनी मदद मिल सके। मैं व्यक्तिगत रूप से गृह मंत्रालय के साथ लापता किसानों के मुद्दे को उठाऊंगा और इन लोगों को सुरक्षित घर तक पहुंचना सुनिश्चित करूंगा। मदद के लिए 112 पर कॉल करें।'

सीएम ने यह भी बताया कि उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने सोमवार को इस मुद्दे पर दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की। हालांकि इस दौरान भी पंजाब कांग्रेस के भीतर मतभेद एक बार फिर खुलकर आ गए।

कांग्रेस के नेताओं की दो अलग-अलग टीमों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। एक टीम में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा शामिल थे। तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने अलग से शाह से मुलाकात की। दोनों टीमों ने शाह के सामने गणतंत्र दिवस के बाद से गायब किसानोें का मुद्दा उठाया।

इन मुलाकातों के बाद पंजाब सरकार ने राज्य के 120 लोगों की विस्तृत सूची जारी की है जिन्हें ट्रैक्टर परेड के दौरान दर्ज विभिन्न मामलों में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

सुखजिंदर सिंह रंधावा और सरकारिया ने बाद में कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पंजाब सरकार ने 70 वकीलों की टीम बनायी है, जिसने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि वकील गिरफ्तार किए गए व्यक्ति और उनके परिजन से मिलेंगे और बिना फीस लिए उनकी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने केन्द्र सरकार से गिरफ्तार लोगों के साथ नरमी से पेश आने की अपील की है। रंधावा ने कहा कि बैठक में शाह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची गह मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है और अगर राज्य सरकार अन्य लापता लोगों की कोई सूची देती है तो केन्द्र उनके बारे में पता लगाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगा।

कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र और किसान यूनियनों के बीच गतिरोध को लेकर रंधावा ने कहा कि गृहमंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है और इस बारे में किसानों के जवाब का इंतजार है।

दूसरी ओर मनीष तिवारी के मुताबिक, उन्होंने और पंजाब सरकार के मंत्रियों सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया और राजकुमार छबेवाल ने बजट पेश होने के बाद शाह से मुलाकात की।

उन्होंने ट्वीट किया, 'बजट के बाद अमित शाह से मुलाकात की। हमने उनसे आग्रह किया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए और गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची सार्वजनिक की जाए ताकि उन्हें कानूनी कदम उठाने का मौका मिले।' तिवारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस यह सूची अपनी वेबसाइट पर जारी करने जा रही है।

6 फरवरी को 12 से 3 बजे तक चक्का जाम

आपको बता दे, संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को 12 से 3 बजे तक चक्का जाम करने की घोषणा की है। इस दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे बंद रहेंगे। मोर्चा ने किसान नेताओं व मोर्चा के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने सोमवार को 250 ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने का निर्देश दिया। इन अकाउंट्स से मोदी किसानों का नरसंहार करने की प्लानिंग कर रहे हैं हैशटेग के साथ ट्वीट किए जा रहे थे। साथ ही ये 30 जनवरी को ये अकाउंट झूठे, उकसाने और डराने वाले ट्वीट कर रहे थे। किसान नेताओं का कहना है कि इनमें संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा कई किसान नेताओं के ट्विटर अकाउंट्स शामिल हैं। हालांकि रात में इनमें से कई अकाउंट वापस शुरू कर दिए।

मोर्चे के नेताओं का आरोप है कि आंदोलन स्थल की बिजली, पानी काटी जा रही है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं, शौचालयों की संख्या घटाई जा रही है। आवागमन के रास्ते बंद किए जा रहे हैं, ताकि आंदोलन को दबाया जा सके।

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