पुलवामा हमला : रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा, IED ब्लास्ट के लिए रिमोट अलार्म या चाबियों का इस्तेमाल कर रहे हैं आतंकी
By: Priyanka Maheshwari Tue, 19 Feb 2019 07:55:14
हाल में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर में IED विस्फोटों को अंजाम देने के लिये आतंकवादियों ने अपने तरीकों में बदलाव किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकवादियों में विस्फोट को अंजाम देने के लिये मोटरसाइकिल और वाहनों की चोरी रोकने में उपयोग होने वाले रिमोट अलार्म या चाबियों का इस्तेमाल बढ़ा है। वही इस बात की आशंका भी लगाई जा रही है कि हाल में पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हमले में इसी तरीके को अपनाया गया हो, जिसमें 40 जवान शहीद हो गये।
रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि मोबाइल फोन, वॉकी-टॉकी सेट और दुपहिया या चारपहिया वाहनों की चोरी की वारदातों को रोकने में उपयोग होने वाले यंत्र बाजारों में बड़ी आसानी से उपलब्ध होते हैं और कश्मीर घाटी में मौजूद आतंकवादी, रिमोट संचालित आईईडी विस्फोटों को अंजाम देने के लिये इन उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। इससे वे न सिर्फ सुरक्षा बलों के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ से बचते हैं बल्कि ऐसे हमलों में हताहतों की संख्या भी अधिक होती है। जांच एवं सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि आतंकवादियों ने रिमोट संचालित आईईडी विस्फोट के तरीकों को असरदार बनाने के लिये इसमें ‘अचानक बदलाव’ किया है।
पुलवामा हमले (Pulwama Terror Attack) की जांच कर रही एजेंसी ने आशंका जतायी है कि 14 फरवरी को हुए विस्फोट को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने अंजाम दिया। इस शक्तिशाली विस्फोट को अंजाम देने के लिये आतंकवादी ने एक कार में RDX मिश्रित विस्फोटक रखा था और जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर जवानों के काफिले में सैनिकों को लेकर जा रही एक बस को निशाना बनाया था।
राज्य में आईईडी (IED) विस्फोट के इतिहास और इसके उभरते चलन पर जारी रिपोर्ट में आशंका जताते हुए कहा गया है, ‘अन्य राज्यों में नक्सली विस्फोट के लिये जिन उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, आशंका है कि जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकवादियों द्वारा भी भविष्य में अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिये चोरी की वारदात रोकने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ सकता है। इसलिए जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) में तैनात सुरक्षाकर्मियों को और सतर्कता बरतने की जरूरत है।’