PAK आर्मी का बयान - अगर भारत कोई भी आक्रामक सैन्य कदम उठाता है तो जवाब दिया जाएगा
By: Priyanka Maheshwari Sat, 23 Feb 2019 09:13:35
पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नाराजगी झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan) में गहमागहमी बढ़ गई है और इसका असर भी दिखने लग गया है। शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना ने कहा कि उनका देश युद्ध नहीं चाहता लेकिन भारत को चेतावनी भी दी है। पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत कोई भी आक्रामक सैन्य कदम उठाता है तो उसका अप्रत्याशित जवाब दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि भारत ने बिना उचित जांच के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और भारत ने अब तक विभाजन की वास्तविकता को स्वीकार नहीं किया है। पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकवादी हमले को अंजाम दिए जाने के बाद सेना के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारा 72 वर्ष का इतिहास है। विभाजन 1947 में हुआ था और तब पाकिस्तान आजाद हुआ था। भारत अभी भी यह स्वीकार नहीं कर पाया है।'
Major General Asif Ghafoor,DG ISPR,Pakistan Army on talks in India that Pakistan is preparing for war: We're not preparing for war. It's you(India) who is sending war threats. We're not preparing for initiating a war but we've a right to respond to the war threats from your side pic.twitter.com/INfcG5KfrM
— ANI (@ANI) February 22, 2019
हमें धमकियों का जवाब देने का अधिकार है
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि हम युद्ध की तैयारी नहीं कर रहे हैं, आप (भारत) धमकी जारी कर रहे हैं। हमें धमकियों का जवाब देने का अधिकार है। हम पहल करने की तैयारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि बचाव और जवाब की योजना बना रहे हैं जो हमारा अधिकार है। अगर आप (भारत) पहले कोई प्रतिक्रिया शुरू करेंगे, तो आप हमें कभी चकित नहीं कर पाएंगे... हम आपको हैरान कर देंगे। गफूर ने चेताया कि युद्ध की स्थिति में इस बार सेना की प्रतिक्रिया अलग तरह की होगी।
'हम अतीत की सेना नहीं हैं, हम एक कठोर सेना हैं'
उन्होंने कहा, 'हम अतीत की सेना नहीं हैं, हम एक कठोर सेना हैं। हमने एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और जीत हासिल की।' गफूर ने तैयारियों की प्रकृति के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा, 'हम युद्ध की तैयारी नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं और जिस जवाब की आवश्यकता होगी, हमने उसके लिए तैयारी की है।' उन्होंने कहा कि गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना को किसी भी हमले की स्थिति में देश की रक्षा के लिए सभी कदम उठाने के लिए अधिकृत किया है।
गफूर ने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान के लिए नकारात्मक था क्योंकि यह तब हुआ जब पाकिस्तान में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हो रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलवामा हमला भारतीय सुरक्षा बलों की विफलता को दर्शाता है। नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सुरक्षा बलों ने बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है... इसलिए पुलवामा हमला भारतीय सुरक्षा बलों की विफलता को दर्शाता है।
Major General Asif Ghafoor, DG ISPR, Pakistan Army: There are two senior Pakistan army officials under military custody on the charges of espionage. Army Chief has ordered their court martial. It is in process. Both are individual cases, there is no link between the two cases. pic.twitter.com/sMnGUKixNg
— ANI (@ANI) February 22, 2019
बता दे, पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत में बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय को वहां की पंजाब पुलिस अपने नियंत्रण में ले लिया है और वहां की सुरक्षा बढा दी गई है। यह वही इलाका है जहां पाकिस्तानी सेना के कोर-31 का मुख्यालय है। इस इलाके में मसूद अजहर का दबदबा है। गुरुवार को हाफिज सईद के संगठनों को बैन करने के बाद शुक्रवार को पाकिस्तानी सरकार ने मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर नियंत्रण कर लिया। इसी बीच, पाकिस्तान सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा ने नियंत्रण रेखा के पास पोस्ट का दौरा किया। इमरान खान सरकार के घरेलू मामलों के मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पंजाब सरकार ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नियंत्रण में लिया गया है। वहीं पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, जनरल बाजवा ने नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी पोस्ट का दौरा किया। उन्होंने सैनिकों से किसी भी घटना का सामना करने को तैयार रहने को कहा। पाकिस्तान सरकार ने ये कदम पुलवामा हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान के एक दिन बाद उठाया है। गुरुवार को UNSC ने पुलवामा हमले पर बयान जारी किया था, जिसमें खास तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का नाम लिया गया था। पाकिस्तान और चीन ने कोशिश की थी कि सुरक्षा परिषद बयान जारी न करे, लेकिन दोनों देश अपने इरादों में सफल नहीं हो पाए।