अक्षय कुमार के साथ बातचीत में बोले PM मोदी, 'मैं कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता, भटकते-भटकते प्रधानमंत्री पद तक पहुंच गया'
By: Pinki Wed, 24 Apr 2019 09:55:24
लोकसभा चुनाव 2019 की व्यस्तताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेता अक्षय कुमार को पहला गैरराजनीतिक इंटरव्यू दिया। प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुए इस खास इंटरव्यू में अक्षय कुमार ने पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की। पीएम मोदी ने इस बातचीत में अपने परिवार, खान-पान और हंसी-मजाक जुड़े किस्से भी साझा किए। अक्षय कुमार के साथ गैरराजनीतिक चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 24 घंटे राजनीति की बात में हम उलझे रहते हैं, आपने हल्की-फुल्की बातें करने का मौका दिया...अच्छा है..
अक्षय ने अपने पहले सवाल में कहा कि मैंने अपने ड्राइवर की बेटी से कहा कि तुम पीएम से कौन सा सवाल पूछना पसंद करती हो तो उसने कहा- क्या हमारे प्रधानमंत्री आम खाते हैं? अगर खाते हैं तो कैसा आम खाते हैं, और क्या काट कर खाते हैं?
पीएमः इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि 'हां मैं आम खाता भी हूं, और पसंद भी है। जब छोटा था, खेतों में चला जाता था। आम के पेड़ पर पके हुए आमों को खाना मुझे ज्यादा पसंद था। पकाया हुआ आम नहीं, पेड़ पर पका हुआ आम पसंद है।'
अक्षय : क्या आपने कभी सोचा था कि आप प्रधानमंत्री बनेंगे?
पीएमः पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पीएम बनने के बारे में कभी नहीं सोचा था। उन्होंने कहा कि जो सोचा नहीं था वो बन गया। भटकते-भटकते यहां पहुंच गया। इस पर अक्षय कुमार ने कहा कि मैं मार्शल आर्ट का टीचर बनना चाहता था, मगर मैं फिल्मों में आ गया।
LIVE: PM Shri @narendramodi in conversation with Shri @akshaykumar. #BharatKaGarvModi https://t.co/cVsusdngRt
— BJP (@BJP4India) April 24, 2019
अक्षयः क्या आप सन्यासी बनना चाहते थे, आप सेना में भर्ती होना चाहते थे?
पीएमः 1962 की लड़ाई के दौरान मेहसाणा स्टेशन पर जब जवान जाते थे तो मैं भी चला जाता था। मन को खुशी होती थी। गुजरात में सैनिक स्कूल के बारे में जाना और मैं भी उसमें भर्ती होना चाहता था। हमारे मोहल्ले में एक प्रिंसिपल रहते थे। मैं उनके पास चला गया। मैं कभी भी बड़े आदमी से मिलने से पहरेज नहीं करता था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पीएम बनूंगा।
अक्षय : आपको गुस्सा आता है तो फिर किस पर निकालते हो?
पीएम : यह मनुष्य के स्वभाव का हिस्सा है लेकिन 18-22 की उम्र के दौरान जो ट्रेनिंग हुई उसमें यह बताया गया है कि ईश्वर ने स्वभाव में सबकुछ दिया, आपको तय करना है कि अच्छी चीजों को बल देते हुए कैसे बढ़ना है। कभी कोई कहेगा कि मुझे गुस्सा नहीं आता है तो बहुत लोगों को हैरानी होगी। आप अच्छी चीजों पर जोर दें ताकि नकारात्मक चीजें अपने आप रुक जाएंगी। चपरासी से लेकर प्रिंसिपल सेक्रेट्री तक पर मुझे गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया। मैं किसी को नीचा दिखाकर काम नहीं करता हूं। मैं हैल्पिंग हैंड की तरह काम करता हूं। मेरे अंदर गुस्सा होता होगा लेकिन मैं उसे व्यक्त करने से रोक लेता हूं।
अक्षयः आपका मन करता है कि आप अपनी मां, परिवार के साथ रहें?
पीएमः मैंने बहुत छोटी आयु में घर छोड़ दिया था। कोई मोह माया नहीं रही, अब मेरी जिंदगी वो बन गई है। मेरी मां मुझसे कहती है कि तुम मेरे पीछे क्यों समय खराब करते हो। मैं भी अपनी मां को समय नहीं दे पाता हूं। यहां मां रहीं थीं लेकिन मैं फील्ड में ही लगा रहता था। मैं रात को 12 बजे आता था तो मां को दुख होता था। यहां मां का मन नहीं लगता, वो गांव के लोगों के साथ रहती है तो अच्छा लगाता है।
अक्षयः आपकी छवि बहुत कठोर प्रशासक की है?
पीएमः ये छवि सही नहीं है। काम का अनुशासन मैं अपने जीवन में खुद लेकर आया। मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता। अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं। सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं। मैंने पीएम वाली छवि नहीं बनाई। दोस्ताना व्यवहार रखता हूं। कई बार अफसर झिझकते हैं तो मैं चुटकले भी सुनाता हूं।
अक्षयः विपक्षी पार्टियों में आपके दोस्त हैं?
पीएमः गुलामनबी आजाद मेरे अच्छे दोस्त हैं। जब भी मिलते हैं बहुत अच्छे से मिलते हैं। ममता बनर्जी मेरे लिए खुद कुर्ते भेजतीं है। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना मेरे लिए बंगाली मिठाई भेज देतीं हैं।
अक्षयः क्या आप सच में गुजराती हैं? आपने अपने पैसे दे दिए, प्लॉट दे दिया?
पीएमः पीएम मोदी ने चुटकला सुनाया, ट्रेन में स्टेशन आने पर ऊपर की सीट पर बैठे एक शख्स ने नीचे की सीट पर बैठे शख्स से पूछा कौन सा स्टेशन आया है? तभी खिड़की पर बैठे शख्स ने बाहर खड़े आदमी से पूछा, भैय्या कौन सा स्टेशन है? बाहर खड़े शख्स ने जवाब दिया, 1 रुपया दो तब बताउंगा। इतने में खिड़की पर बैठे शख्स से ऊपर बैठे व्यक्ति ने कहा कोई बात, अहमदाबाद ही होगा।
अक्षयः अगर आपको अलादीन का चिराग मिले और तीन चीजें मांगने को कहें तो क्या मांगेगे?
पीएमः मैं सबसे पहले ये कहूंगा कि आप नई पीढ़ी को कहूंगा कि ये अलाउद्दीन पर विश्वास नहीं कहेंगे। ये हमारे यहां का चिंतन नहीं है, हमारे यहां का चिंतन परिश्रम का है।