चुनावी बॉन्ड्स पर SC का बड़ा फैसला: राजनीतिक पार्टियों को बताना होगा कहां से आया चंदा, 30 मई तक बंद लिफाफे में सौंपे डिटेल

By: Pinki Fri, 12 Apr 2019 12:12:28

चुनावी बॉन्ड्स पर SC का बड़ा फैसला: राजनीतिक पार्टियों को बताना होगा कहां से आया चंदा, 30 मई तक बंद लिफाफे में सौंपे डिटेल

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर शुक्रवार को फैसला आ गया। चुनावी बॉन्ड्स की वैधता को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी दलों को इसके तहत मिले फंड की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी। अदालत ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आदेश दिया है कि वो 15 मार्च तक मिले इलेक्टोरल बॉन्ड्स की सारी डिटेल चुनाव आयोग को 30 मई के अंदर बंद लिफाफे में सौंपे। इसके साथ सभी दलों को बैंक डिटेल्स भी देनी होगी। कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दलों को बताना होगा कि उन्हें इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए किससे कितनी रकम मिली है। यही नहीं उन्हें उस खाते का भी जिक्र करना होगा, जिसमें रकम ट्रांसफर हुई है। सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए मिली डोनेशन का खुलासा किया जाए। इस मसले पर गुरुवार को सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र सरकार की इस स्कीम के खिलाफ असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स नाम के एनजीओ ने जनहित याचिका दाखिल की है। एनजीओ का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण रख रहे हैं।

अदालत ने अपने फैसले में चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं लगाई है, ऐसे में यह फैसला सरकार के लिए राहत भरा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनावी बॉन्ड को लेकर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। चुनावी बॉन्ड योजना को अंग्रेजी में 'इलेक्ट्रल बॉन्ड्स स्कीम' (electoral bond scheme) नाम से जाना जाता है। ये बॉन्ड भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से मिलेंगे। जिन 29 शाखाओं से बॉन्डस खरीदे जा सकते हैं, वे इन शहरों में हैं। नई दिल्ली, गांधीनगर, चंडीगढ़, बैंगलोर, भोपाल, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, कलकत्ता और गुवाहाटी। इन बॉन्ड्स को भारत का कोई भी नागरिक, कंपनी या संस्था चुनावी चंदे के लिए खरीद सकेंगे। ये बॉन्ड एक हजार, दस हजार, एक लाख और एक करोड़ रुपये तक हो सकते हैं।

सरकार की ओर से आरबीआई ये बॉन्ड्स जारी करेगा। दान देने वाला बैंक से बॉन्ड खरीदकर किसी भी पार्टी को दे सकता है। फिर राजनीतिक पार्टी अपने खाते में बॉन्ड भुना सकेगी। बॉन्ड से पता नहीं चलेगा कि चंदा किसने दिया।

बीजेपी को मिली कांग्रेस से 5 गुना ज्यादा रकम

बीजेपी को साल 2016-17 और 2017-18 में 997 करोड़ रुपये और 990 करोड़ रुपये दान में मिले हैं। यह राशि कांग्रेस को इसी समय में मिले दान की राशि से 5 गुना ज्यादा है। चुनाव आयोग के वकील ने कहा है कि साल 2017-18 में बीजेपी को 520 इलेक्टॉरल बॉन्ड मिले, जिनकी कीमत 222 करोड़ रुपये है, पार्टी ने इसमें से 511 इलेक्टॉरल बॉन्ड रिडीम किए, जिनकी कीमत 221 करोड़ रुपये है।

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