शपथ ग्रहण के बाद PM मोदी बोले, युवा ऊर्जा एवं प्रशासनिक अनुभव का मेल, साथ मिलकर भारत की प्रगति के लिये कगेंगे काम
By: Pinki Fri, 31 May 2019 07:52:13
लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने पीएम मोदी (PM Modi) को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। करीब दो घंटे चले शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए की जीत के सूत्रधार रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मंत्रियों की नई टीम 'युवा ऊर्जा एवं प्रशासनिक अनुभव' का मेल है और हम साथ मिलकर भारत की प्रगति के लिये काम करेंगे।
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा,‘आज शपथ लेने वाले सभी को बधाई। यह टीम ऊर्जा से भरे युवाओं और प्रशासनिक अनुभव रखने वालों का मिश्रण है'। उन्होंने कहा कि इसमें ऐसे लोग हैं जो सांसद के रूप में उभर कर आए हैं और ऐसे भी हैं जिनका पहले शानदार पेशेवर कैरियर रहा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘हम साथ मिलकर भारत की प्रगति के लिये काम करेंगे'।
Congratulations to all those who took oath today. This team is a blend of youthful energy and administrative experience. It has people who have excelled as Parliamentarians and those who have had distinguished professional careers.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2019
Together, we will work for India’s progress. pic.twitter.com/NKQh61eYCh
पहली बार शामिल किए गए ये चेहरे
सरकार में पहली बार शामिल होने वालों में जयशंकर के अलावा प्रह्लाद जोशी, अरविंद सावंत, अर्जुन मुंडा, रमेश पोखरियाल निशंक, रत्न लाल कटारिया, रामेश्वर तेली, कैलाश चौधरी, नित्यानंद राय, प्रताप चंद्र सारंगी, डी मुरलीधर, सोम प्रकाश, रेणुका सिंह, देबाश्री चौधरी, किशन रेड्डी, राव साहब दानवे, संजय धोत्रे आदि शामिल हैं। अनुराग सिंह ठाकुर मोदी सरकार में पहली बार शामिल किए गए हैं।
नई सरकार में शामिल नहीं हुए पिछली सरकार के ये चेहरे
नई सरकार में पिछली सरकार के जिन प्रमुख चेहरों को शामिल नहीं किया गया है उनमें सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, जे पी नड्डा, राधामोहन सिंह, राज्यवर्द्धन राठौड़, जुएल ओराम, उमा भारती, अनंत गीते, महेश शर्मा और के जे अल्फोंस शामिल हैं। मोदी 543 सदस्यीय लोकसभा में कुल 80 मंत्री रख सकते हैं। संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री सहित केन्द्रीय मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा सदस्यों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।