शंघाई समिट: PM मोदी ने की शी जिनपिंग से मुलाकात, पाकिस्तान का उठाया मुद्दा, कहा - पाक से बातचीत का अभी माहौल नहीं
By: Pinki Thu, 13 June 2019 7:13:01
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में हो रहे संघाई सहयोग संघठन की बैठक के दौरान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। मोदी ने जिनपिंग को इस साल अनौपचारिक मुलाकात के लिए भारत आने का न्योता दिया। जिनपिंग ने भी भारत आने की इच्छा जताई है। मुलाकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि भारत और चीन के बीच पाकिस्तान के मुद्दे पर बातचीत हुई। इसके बाद मोदी ने समिट से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने अमेठी में राइफल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने में रूस के समर्थन के लिए पुतिन को धन्यवाद भी कहा। समिट में मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल हुए। समिट में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हुए। हालांकि, मोदी और इमरान की मुलाकात नहीं होगी। इमरान पहले ही मोदी को पत्र लिखकर बातचीत की मांग कर चुके हैं।
भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का डिनर की मेज पर रूबरू होना बाकी है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों के बीच चीन भी अहम फैक्टर निभाता है। इस वक्त पाकिस्तान पर अगर किसी देश का दबदबा है तो वो चीन ही है। चीन कई मोर्चों पर पाकिस्तान की हिमायत भी करता है।
नरेंद्र मोदी के दूसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से यह उनकी पहली मुलाकात थी। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से आए एक ट्वीट में कहा गया, 'चीन के साथ संबंध और गहरे हो रहे हैं। एससीओ समिट के इतर पीएम मोदी की पहल मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ हुई। दोनों नेताओं ने संबंधों को और मजबूत बनाने पर बात की।' इसके अलावा खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'राष्ट्रपति शी के साथ एक बेहद सफल मुलाकात हुई। हमारी बातचीत में भारत-चीन संबंधों पर गंभीर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे।'
FS,Vijay Gokhale in Bishkek: There was a brief discussion on Pakistan. PM recalled that he has made efforts and these efforts have been derailed,that Pak needs to create atmosphere free of terror and at this stage we do not see this happening. We expect it to take concrete action https://t.co/0W17RFFYjL
— ANI (@ANI) June 13, 2019
पाकिस्तान से बातचीत का अभी माहौल नहीं
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग से साफ शब्दों में कहा कि फिलहाल पाकिस्तान से बातचीत का अभी माहौल नहीं है। इसके पीछे जो वजह बताई जा रही है कि पाकिस्तान के सामने जो पहले से मुद्दे उठाए गए थे उन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इनमें सबसे बड़ा मुद्दा आतंकवाद का है। मसूद अजहर जैसे आतंकवादी पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगने के बावजूद अभी तक वे पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है। ऐसे में पाकिस्तान से द्वपक्षीय वार्ता करना गैर मुनासिब होगा।
2001 में बना था शंघाई सहयोग संगठन
एससीओ एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है। इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है। यह 2001 में बनाया गया था। चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान इसके स्थाई सदस्य हैं। यह संगठन खासतौर पर सदस्य देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग के लिए बनाया गया है। इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और मध्य एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना शामिल है। भारत और पाकिस्तान इस संगठन से 2017 में स्थाई सदस्य के तौर पर जुड़े थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह पहली बहुपक्षीय बैठक है। भारत 2005 से एससीओ में एक पर्यवेक्षक रहा है और समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया है। भारत और पाकिस्तान को 2017 में एससीओ की स्थायी सदस्यता दी गई थी। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में हुयी थी। एससीओ अभी दुनिया की आबादी के लगभग 42 प्रतिशत और वैश्विक जीडीपी के 20 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।