हैकर ने ग्रॉसरी कंपनी Big Basket के 2 करोड़ यूजर्स का चुराया डेटा, 30 लाख रुपए में बेचने का दावा

By: Pinki Mon, 09 Nov 2020 12:41:09

हैकर ने ग्रॉसरी कंपनी Big Basket के 2 करोड़ यूजर्स का चुराया डेटा, 30 लाख रुपए में बेचने का दावा

ऑनलाइन यूजर्स का डेटा लीक होने की खबरें आए दिन हमारे सामने आती रहती है। हाल ही में ताजा मामला ग्रॉसरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिग बास्केट (Big Basket) से सामने आया है। बिग बास्केट के करोड़ यूजर्स का डेटा लीक हुआ है। डेटा लीक होने के बाद कंपनी ने बेंगलुरु में साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई है। साइबर इंटेलीजेंस कंपनी Cyble के मुताबिक, हैकर ने इस डेटा को 40,000 डॉलर (करीब 29.5 लाख रुपए) में बेचने के लिए डार्क वेबसाइट पर डाल दिया है।

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Cyble ने ब्लॉग में लिखा कि हमारी रिसर्च टीम ने अपनी रूटीन वेब मॉनीटरिंग में पाया कि साइबर क्राइम मार्केट में बिग बास्केट के डेटा को 40,000 डॉलर में बेचा जा रहा है, इस डेटा बेस की फाइल करीब 15GB की है, जिसमें करीब 2 करोड़ यूजर्स का डेटा हैं। डेटा की चोरी 30 अक्टूबर, 2020 को हुई। इसके बारे में बिग बास्केट के मैनेजमेंट को जानकारी दे दी गई है। Cyble रिपोर्ट के मुताबिक, लीक डेटा में यूजर्स का नाम, ई-मेल, पासवर्ड हैश, मोबाइल नंबर, एड्रेस, डेट ऑफ बर्थ, लोकेशन यहां तक कि लॉग-इन का IP एड्रेस भी दिया है। Cyble ने डेटा में पासवर्ड का जिक्र किया है, जिसका मतलब है वन टाइम पासवर्ड (OTP) जो SMS के जरिए मिलता है, जब यूजर लॉग-इन करता है और ये हर बार बदलता रहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा की चोरी 30 अक्टूबर, 2020 को हुई। इसके बारे में बिग बास्केट के मैनेजमेंट को जानकारी दे दी गई है।

डेटा चोरी मामले को लेकर बिग बास्केट ने कहा, ‘कुछ दिन पहले हमें बड़ी डेटा चोरी के बारे में पता चला है। हम साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर पता कर रहे हैं कि ये कितना बड़ा है और इसमें कितनी सच्चाई है। साथ ही, इसे तत्काल रोकने के रास्ते भी तलाश रहे हैं। हमने साइबर सेल बेंगलुरू में शिकायत भी दर्ज कराई है। हम दोषियों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कस्टमर्स के डेटा की प्राइवेसी और सिक्योरिटी हमारी प्राथमिकता है। हम उनके फाइनेंशियल डेटा जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर वगैरह स्टोर करके नहीं रखते हैं और हमें पूरा भरोसा है कि उनका ऐसा डेटा पूरी तरह से सेफ है।’

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चीनी कंपनी की फंडिंग

बिग बास्केट में चीन की कंपनी अलीबाबा, मिराय एसेट-नेवर एशिया ग्रोथ फंड और ब्रिटिश सरकार के CDC ग्रुप ने भी फंडिंग की है। हाल ही में बिग बास्केट कुछ और निवेशकों के साथ फंडिंग को लेकर बातचीत कर रही थी। बिग बास्केट 350-400 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाने की कोशिशों में लगी है। इसके लिए कंपनी सिंगापुर सरकार के टीमासेक, अमेरिका बेस्ड फिडेलिटी और टाइबोर्न कैपिटल के साथ फंडिंग की बात कर रही है।

आपको बता दे, डार्क वेब भी इंटरनेट सर्चिंग का ही हिस्सा है, लेकिन इसे सामान्य रूप से सर्च इंजन पर नहीं ढूंढा जा सकता। इस तरह की साइट को खोलने के लिए विशेष तरह के ब्राउजर की जरूरत होती है, जिसे टोर कहते हैं। डार्क वेब की साइट को टोर एन्क्रिप्शन टूल की मदद से छुपा दिया जाता है। ऐसे में कोई यूजर्स इन तक गलत तरीके से पहुंचता है तो उसका डेटा चोरी होने का खतरा हो जाता है।

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