निर्भया केस: दोषी विनय ने बनाई पेंटिंग, लिखी डायरी और शीर्षक रखा 'दरिंदा'

By: Pinki Sat, 25 Jan 2020 1:45:20

निर्भया केस:  दोषी विनय ने बनाई पेंटिंग, लिखी डायरी और शीर्षक रखा 'दरिंदा'

निर्भया केस के चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। फांसी की सजा टालने के लिए निर्भया के दोषी और उसके वकील एक के बाद एक चाल चल रहे हैं। पटियाला हाउस कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान दोषी पक्ष के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि जेल में दोषी विनय शर्मा को धीमा जहर दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी पक्ष के वकील का कहना है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों से जुड़े सभी दस्तावेज समय पर सौंप दिए हैं। हालाकि, दोषियों की तरफ से पेश वकील ने कहा कुछ दस्तावेज कल रात 10:30 बजे दिए गए है। लेकिन दोषी विनय की केस डायरी अभी तक नहीं दी गयी है। वकील ने कहा कि केस डायरी 160 पेज की है वो नहीं मिली है। इसके साथ ही उसकी मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं दी गयी है और विनय दिल्ली लोक नायक अस्पताल में 10 दिन था वो भी दस्तावेज नहीं मिला है।

वकील ने बताया कि जेल में रहते हुए विनय ने कुछ पेटिंग भी बनाई है। तिहाड़ हाट में उसकी पेंटिंग्स की बिक्री भी हुई। मैंने उनके बारे में जानकारी चाहता हूं कि आखिर उसकी पेंटिंग्स से क्या कमाई हुई। विनय ने 11 पेंटिंग बनाई और 19 पन्नों की 'दरिंदा' डायरी भी लिखी। जेल प्रशासन ने दोषी विनय की पेटिंग और उसकी डायरी दरिंदा को भी कोर्ट में पेश किया। इसके बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल से कहा कि सभी दस्तावेज दोषियों को दे दिए जाएं। इस पर जेल प्रशासन ने कहा कि सभी दस्तावेद सौंप दिए गए हैं और इसके साथ ही इस अर्जी का निपटारा हो गया।

दोषियों के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि उनके क्लाइंट विनय को जेल प्रशासन ने स्लो प्वाइजन दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि स्लो प्वाइजन देने के कारण विनय की तबीयत बिगड़ी थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है।

दोषियों के वकील पहले भी कई बार कोर्ट सुनवाई में जरूरी दस्तावेज नहीं मिलने को लेकर झूठे आरोप लगाते रहे हैं। आज भी सुनवाई के दौरान उन्होंने देर रात दस्तावेज सौंपे जाने की पुष्टि की।

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बदल गया है जेल में निर्भया के गुनहगारों का बर्ताव

फांसी का दिन नजदीक आने की वजह से चारों दोषियों में बर्ताव में तेजी से बदलाव आ रहा है। ऐसे में चारों फांसी से पहले खुद को नुकसान न पहुंचा लें, जेल प्रशासन के लिए यह काम सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। इसके लिए जेल प्रशासन पूरी सावधानी बरत रहा है। कैदियों को टॉइलट तक में अकेले नहीं छोड़ा जा रहा है। दिन-रात उनपर निगरानी रखी जा रही है। बार-बार उनके सेल्स को बदला जा रहा है। चारों पर एक डॉक्टर नजर बनाए हुए है। उनकी सेहत का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जेल प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह देखना है कि कहीं चारों में से कोई खुद को ही नुकसान न पहुंचा ले। चारों दोषियों को टॉइलट में भी अकेले नहीं छोड़ा जा रहा। उनके साथ एक सुरक्षा गार्ड जाता है। नए कमरे में शिफ्ट करने से पहले भी कमरे की छानबीन होती है। इसे एक टीम द्वारा किया जा रहा है जिसमें जेल सुपरिंटेंडेंट भी शामिल होता है। दोषियों के सेल में रात को भी अंधेरा नहीं किया जाता, ताकि गार्ड उनपर निगरानी रख सके।

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