वैज्ञानिकों की बड़ी खोज, इंसान के शरीर में मिला नया अंग
By: Pinki Thu, 22 Oct 2020 1:44:47
नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों ने इंसानों के गले में एक नया अंग खोज निकाला है। वैज्ञानिक एक नए 'कैंसर स्कैन' की जांच कर रहे थे जब उन्हें गले में एक नए अंग का पता चला। नीदरलैंड्स के कैंसर इंस्टिट्यूट के रिसर्चर्स को गले के ऊपरी हिस्से में दो लार ग्रंथियां (Salivary glands) मिले हैं जिन्हें ट्यूबेरियल सलाइवरी ग्लैंड (Tubarial salivary glands) नाम दिया गया है। ज्ञानिकों का मानना है कि यह अंग नाक के लूब्रिकेशन में मदद करता है।
नीदरलैंड के एम्सटर्डम के कैंसर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए तैयार किए गए PSMA PET-CT नाम के स्कैन का परीक्षण कर रहे थे। इस दौरान डॉक्टर्स एक रेडियोएक्टिव ट्रेसर को मरीज के शरीर में इंजेक्ट करते हैं। रेडियोएक्टिव ट्रेसर की वजह से ही नए अंग का पता चला। स्टडी में दावा किया गया है कि ये ग्लैंड 1.5 इंच के हैं और ये टोरस ट्यूबेरियस (Torus Tubarius) नाम के कार्टिलेज के एक हिस्से के ऊपर हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि शायद इनका काम नाक और मुंह के पीछे गले के ऊपरी हिस्से को ल्यूब्रिकेट करना होगा।
रेडियोथेरपी ऐंड ऑन्कॉलजी जर्नल में छपी स्टडी में रिसर्चर्स ने पुष्टि की है कि करीब 100 मरीजों पर स्टडी में ये ग्लैंड पाए गए हैं। माना जा रहा है कि इस खोज से कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है। अभी तक माना जाता था कि नाक के पीछे के इस हिस्से (Nasopharynx) में कुछ नहीं होता है। वहीं, तीन सलाइवरी ग्लैंड भी जीभ के नीचे, जबड़े के नीचे और जबड़े के पीछे होते हैं, यही माना जाता था।
कैंसर के इलाज के लिए सिर और गले में रेडियोथेरपी के दौरान सलाइवरी ग्लैंड्स को बचाने की कोशिश की जाती है ताकि मरीज को खाने, बोलने या निगलने में परेशानी न हो। अभी तक डॉक्टरों को नहीं पता था कि शरीर में और भी सलाइवरी ग्लैंड्स होते हैं। इस खोज के साथ ही अब रेडियोथेरपी में इन्हें भी बचाने की कोशिश की जाएगी जिससे कैंसर के इलाज में होने वाले साइड इफेक्ट्स को कम किया जा सकेगा।