रिपोर्ट ने उडाए होश, 39.2% कोरोना संक्रमित न विदेश गए, न ही किसी मरीज के संपर्क में आए, फिर भी हुए बीमार

By: Pinki Fri, 10 Apr 2020 7:30:45

रिपोर्ट ने उडाए होश, 39.2% कोरोना संक्रमित न विदेश गए, न ही किसी मरीज के संपर्क में आए, फिर भी हुए बीमार

इंडियल काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अध्ययन में शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट ने लोगों के होश उड़ा दिए है। रिपोर्ट में सामने आया है कि कोरोना के कुल संक्रमित मरीजों में 39.2% ऐसे लोग है जिनकी न तो कोई ट्रैवल हिस्ट्री और न ही ये लोग किसी संक्रमित व्यक्ति या विदेश से आए व्यक्ति के संपर्क में आए है। इस रिपोर्ट से ये बात सामने आई है कि अब सांस के रोगियों में संक्रमण के फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। देश के 15 राज्यों के 36 जिलों से ऐसे मरीज मिले हैं। आईसीएमआर की इस स्टडी को इंडियन जर्नल मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है।

5911 सांस रोगियों में से 104 संक्रमित मिले

रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 5911 सांस रोगियों में से 104 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें ज्यादातर मरीजों की आयु 50 वर्ष से ऊपर है और पुरुषों की संख्या अधिक है। मतलब कुल रोगियों में से 1.8% संक्रमित सांस रोगी हैं। इसके अलावा 2% मरीज ऐसे मिले, जो किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे और 1% केस में इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री मिली है। 59% मामलों में एक्सपोजर हिस्ट्री का डेटा उपलब्ध नहीं था।

गंभीर सांस रोगियों में कोरोना का खतरा बढ़ा

आईसीएमआर के मुताबिक, गंभीर सांस रोगियों में कोरोना का खतरा काफी बढ़ गया है। ऐसे मरीजों की जांच जरूरी हो गई है। अध्ययन से मालूम चला है कि मार्च से पहले गंभीर सांस रोगियों में कोरोना फैलने का खतरा 0% था लेकिन 2 अप्रैल से यह बढ़कर 2.6% हो गया है। इसलिए ऐसे मरीजों की निगरानी ज्यादा होनी चाहिए। आईसीएमआर ने गुजरात से 792, तमिलनाडु से 577, महाराष्ट्र से 553 और केरल से 502 गंभीर सांस रोगियों के सैंपल जांचे थे। इनमें महाराष्ट्र के 8, पश्चिम बंगाल के 6 और तमिलनाडु और दिल्ली के 5 जिलों में भर्ती मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

मार्च के पहले सप्ताह में ही कोरोना वायरस को लेकर आईसीएमआर (ICMR) ने अपने लैब में कुछ रैडम सैंपलिंग की थी। एक हजार सैंपल की जांच के बाद एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला था। इसके बाद 20 मार्च को टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अस्पतालों में भर्ती गंभीर सांस रोगियों की जांच कराने के निर्देश दिए गए। 15 से 29 फरवरी तक 965 गंभीर सांस रोगियों की जांच हुई। इनमें 2 पॉजिटिव केस मिले। इसके बाद फिर से टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव हुआ। देश भर के अस्पतालों में भर्ती 4,946 सांस रोगियों की जांच हुई, जिसमें से 102 पॉजिटिव मिले। इसी के अनुसार देश में गंभीर सांस के 5,911 रोगियों में से 104 सैंपल पॉजीटिव मिले हैं। अध्ययन में इन मरीजों की आयु औसतन 44 से 63 वर्ष के बीच बताई गई है। वहीं, 83.3% मरीज पुरुष हैं।

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