दिल्ली में चल पड़ी बिना ड्राइवर की मेट्रो, जानिए यह कैसे चलती है..

By: Pinki Mon, 28 Dec 2020 12:02:18

दिल्ली में चल पड़ी बिना ड्राइवर की मेट्रो, जानिए यह कैसे चलती है..

देश में पहली ड्राइवरलेस मेट्रो (Driverless Metro Delhi) की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Aarvind Kejriwal) की मौजूदगी में देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन की शुरुआत दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक मेट्रो की 37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो की सुविधा शुरू की गई है। इससे मेट्रो के संचालन में इंसानी भूल की आशंका खत्म हो जाएगी।

मोदी ने कहा कि 3 साल पहले मैजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर इसी लाइन पर पूरी तरह से ऑटोमेटेड मेट्रो के उद्घाटन का सौभाग्य मिला। ये दिखाता है कि कैसे देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।

आपको बता दे, द इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पब्लिक ट्रांसपोर्ट (UITP) के मुताबिक 2019 तक दुनिया के 46 शहरों में 64 ऑटोमेटेड मेट्रो ट्रेनें चल रही थीं।

आइए जानते हैं क्या होती है बिना ड्राइवर की मेट्रो और यह कैसे चलती है..

अगर आप सोच रहे हैं कि सभी मेट्रो बिना ड्राइवर के चलेगी तो ऐसा नहीं है। फिलहाल राजधानी में जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच यह चलेगी। इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है।

ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन (DTO) या अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (UTO) मोड को DMRC नेटवर्क की लाइन 7 और लाइन 8 पर ही लागू किया जा सकता है। अभी के लिए, DMRC केवल लाइन 8 पर UTO मोड को चालू कर रहा है। इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है।

28 दिसंबर से मजेंटा लाइन पर चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन (DTO) मोड के जरिए मेट्रो चलेगी। इस मोड में, गाड़ियों को डीएमआरसी के तीन कमांड सेंटरों से पूरी तरह से नियंत्रित किया जाएगा। बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के। संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग तकनीक से ट्रेनों का चलाया जाएगा। कमांड सेंटरों पर ट्रेन के उपकरणों की निगरानी रियल टाइम में की जाएगी।

क्या अब मेट्रो में ड्राइवर नहीं होंगे

जब तक DMRC UTO मोड में नहीं जाता, तब तक मेट्रो में ऑपरेटर होंगे, जो आपात स्थिति में ऑपरेट करेंगे। हाई रिजाल्यूशन कैमरे लगाने के बाद, मेट्रो ड्राइवरों के लिए बनाए गए केबिनों को भी धीरे-धीरे हटा दिया जाएगा और सभी नियंत्रण पैनलों को कवर करेगा। फिलहाल मेट्रो में जो कैमरे लगे हैं उनसे पटरियों पर कोई फॉल्ट का पता नहीं लग पाता है।

क्या ड्राइवर नहीं होने से सुरक्षित होगी यात्रा

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि लोगों की यात्रा को बेहतर बनाने के लिए यह एक नए युग की शुरुआत है। पीएमओ के मुताबिक यह चालकरहित ट्रेन पूरी तरह से स्वचालित होगी, जो किसी भी मानवीय त्रुटि की संभावना को खत्म कर देगी। इसे कंट्रोल रूम से ही ऑटोमैटिक तरीके से ऑपरेट किया जा सकेगा।

ड्राइवरलेस मेट्रो का सफर कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नलिंग सिस्टम (CBTC) से लैस है। यह सिस्टम एक वाई-फाई की तरह काम करता है। यह मेट्रो को सिग्नल देता है जिससे वह चलती है। मेट्रो ट्रेन में लगे रिसीवर सिग्नल मिलने पर मेट्रो को आगे बढ़ाते हैं। विदेश की कई मेट्रो में इस सिस्टम को यूज किया जाता है।

ड्राइवरों के पास ट्रेन का कितना नियंत्रण होता है

अब भी अधिकतर मेट्रो को रिमोट कंट्रोल ऑपरेशन रूम से नियंत्रित किया जाता है। जिसे ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (OCC) के रूप में जाना जाता है, जहां से इंजीनियरों की टीमें DMRC नेटवर्क में रियल टाइम ट्रेन मूवमेंट पर नजर रखती हैं। वैसे अलग-अलग लाइन पर परिस्थिति के मुताबिक ड्राइवर या ट्रेन ऑपरेटर के पास नियंत्रण होता है।

नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का भी किया उद्घाटन

PM मोदी ने एयरपोर्ट मेट्रो पर पूरी तरह संचालित होने वाले नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का उद्घाटन भी किया। पिछले डेढ़ सालों में 23 बैंकों की तरफ से जारी रुपे डेबिट कार्ड से कोई भी व्यक्ति इस कार्ड के जरिए एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर सफर कर सकेंगे। यह सुविधा 2022 तक पूरे दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर मिलने लगेगी। इसके बाद स्मार्ट कार्ड के साथ ही डेबिट कार्ड से भी यात्री मेट्रो में सफर कर सकेंगे।

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