अयोध्या फैसलें पर विदेशी मीडिया ने रखी अपनी राय, बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी जीत
By: Pinki Sat, 09 Nov 2019 4:32:27
अयोध्या विवाद मामले में 40 दिन चली सुनवाई के बाद आज शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनेगा। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ की अलग से जमीन दी जाए, जिस पर वो मस्जिद बना सकें। राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से सुनाया। वैकल्पिक जमीन को केंद्र और योगी सरकार अयोध्या में देगी। राम जन्मभूमि न्यास को भी जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया गया। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन का बाहरी और आंतरिक हिस्से पर रामलला का हक है। इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट में सदस्यों को चुने जाने का अधिकार दिया है। तीन महीने में ट्रस्ट बनने के बाद विवादित जमीन और अधिग्रहित भूमि के बाकी हिस्से को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगा।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी जीत : वॉशिंगटन पोस्ट
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि दशकों पुराने विवाद में यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी जीत है। अखबार ने कहा कि भगवान राम के लिए विवादित स्थल पर मंदिर बनाना लंबे समय से भाजपा का उद्देश्य था।
अखबार ने आगे लिखा, 'भारत की सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे विवादित धार्मिक स्थल को ट्रस्ट को देने का आदेश दिया और जिस जगह कभी मस्जिद हुआ करती थी, उस जगह हिंदू मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया।'
अयोध्या में राम मंदिर बनाना भाजपा के राष्ट्रवादी एजेंडे का हिस्सा: द गार्जियन
ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने भी इसे प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत बताया। अखबार ने लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना उनके राष्ट्रवादी एजेंडे का हिस्सा रहा है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश के 20 करोड़ मुस्लिम सरकार से डर महसूस कर रहे हैं। अखबार ने कहा कि 1992 में मस्जिद ढहाया जाना भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाकाम होने का बड़ा क्षण था।
मुस्लिमों को वैकल्पिक जमीन मिलेगी: गल्फ न्यूज
दूसरी तरफ संयुक्त अरब अमीरात की वेबसाइट गल्फ न्यूज लिखता है, '134 साल का विवाद 30 मिनट में सुलझा लिया गया। हिंदुओं को अयोध्या की जमीन मिलेगी। मुस्लिमों को मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाएगी।'
कोर्ट के फैसले से हिंदू-मुस्लिमों के भारी संबंधों पर असर पड़ेगा: द डॉन
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' ने लिखा, 'भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उस विवादित स्थल पर, जहां हिंदुओं ने 1992 में मस्जिद गिराई थी हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुना दिया और कहा कि अयोध्या की जमीन पर मंदिर बनाया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने यह मान लिया कि 460 साल पुरानी बाबरी मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन था। कोर्ट के फैसले से भारत के हिंदू-मुस्लिमों के बीच भारी हुए संबंधों पर बड़ा असर पड़ सकता है।'
हिंदुओं ने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद मंदिर की योजना तैयार की: न्यूयॉर्क टाइम्स
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हिंदुओं उस जगह मंदिर बनाने की अनुमति मिली, जहां पहले मस्जिद हुआ करती थी। हिंदुओं ने इसकी योजना 1992 के बाद तैयार कर ली थी, जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा हिंदू राष्ट्रवाद और अयोध्या में मंदिर बनाने की लहर में ही सत्ता में आए। यह उनके प्लेटफॉर्म का प्रमुख मुद्दा था।'