एमजे अकबर की मोदी कैबिनेट से छुट्टी, कांग्रेस ने कहा सच की हुई जीत, AAP ने कहा इस्तीफा ही पर्याप्त नहीं उन पर लगे आरोपों की गंभीरता से ले
By: Priyanka Maheshwari Wed, 17 Oct 2018 11:10:59
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार कर लिया है। यौन शोषण का आरोप लगने के बाद एमजे अकबर ने यह कदम उठाया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि स्थापित प्रक्रिया के अनुसार इसके बाद यह इस्तीफा राष्ट्रपति के पास भेजा गया, जिसे राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि, 'चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं।' मुझे यह उचित लगा कि पद छोड़ दूं और अपने ऊपर लगे झूठे इल्ज़ामों का निजी स्तर पर ही जवाब दूं। इसलिए मैंने विदेश राज्य मंत्री के पद से अपना इस्तीफ़ा दे दिया है। बता दें कि अकबर पर 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। अकबर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि अकबर को पहले ही इस्तीफा देना चाहिए था।
- अपने पत्र में अकबर ने देश की सेवा का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार व्यक्त किया है। बता दें कि एमजे अकबर पर करीब 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं। वहीं अकबर ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए एक महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
- इस मामले की सुनवाई से एक दिन पहले 67 वर्षीय अकबर ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। सूत्रों के अनुसार सरकार में एक राय थी कि मंत्री को इस मामले से निजी तौर पर लड़ना चाहिए, केंद्रीय मंत्री के रूप में नहीं।
- उधर कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यौन शोषण के आरोपों से घिरे एमजे अकबर के विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने को 'सच की ताकत की जीत' करार दिया और कहा कि वह उन महिलाओं को सलाम करती है जिन्होंने आवाज उठाई थी।
- कई शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों ने भी तत्काल उनके इस्तीफे का स्वागत किया। मानहानि का मुकदमा झेल रही महिला पत्रकार ने अकबर के इस्तीफ को 'सच्चाई की जीत' बताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'एम जे अकबर के इस्तीफे से महिलाओं के रूप में हम सही साबित हुए है। मुझे उस दिन का इंतजार है जब मुझे अदालत में न्याय मिलेगा।'
- अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री के पद से एमजे अकबर का इस्तीफा देश में चल रहे 'मीटू' आंदोलन की बड़ी जीत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह इस्तीफा देर से आया है और नरेंद्र मोदी सरकार ने चेहरा बचाने की कोशिश में यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा- 'अकबर का इस्तीफा पहले हो जाना चाहिए था। यह देर से आया इस्तीफा है।
- वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा,'अकबर का इस्तीफा ही पर्याप्त नहीं है और उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया को शुरू किया जाना चाहिए।'
- द एशियन एज अखबार की रेजिडेंट एडिटर सुपर्णा शर्मा ने कहा कि वह इस्तीफे का स्वागत करती है। उन्होंने कहा,'यह हमारे लिए बड़ा क्षण है। आरोपों की पुष्टि होती है। हालांकि उनके दिल्ली पहुंचते ही यह कदम उठाया जाना चाहिए था, लेकिन अब कम से कम शक्ति असंतुलन नहीं होगा और यह सरकार और रमानी के बीच लड़ाई नहीं होगी।'
- समाजवादी पार्टी (सपा) ने अकबर के इस्तीफे को देर से उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आरोप लगने के तुरंत बाद उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर देना चाहिये था। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, 'लोकतंत्र में लोकलाज का महत्वपूर्ण स्थान है। लोकलाज के बिना 'लोकराज' नहीं चलता है। देर से दिया गया अकबर का इस्तीफा यह साबित करता है कि भाजपा सरकार ने लोकलाज भी त्याग दी है।'
- भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने 'मी टू' अभियान को लेकर यहां मीडिया के सवाल पर कहा, 'मेरी पार्टी के अनेक नेताओं ने इस मामले में पहले ही बयान दे दिया है। भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, 'अकबर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। तमाम आरोपों की जांच होगी।
- कांग्रेस की एक और नेता रागिनी नायक ने कहा, 'एमजे अकबर का देर से आया इस्तीफा उन महिलाओं की ओर से लगातार बनाए गए दबाव का परिणाम है, जिन्होंने अपनी भयावह और असहज करने वाली कहानियां साझा की थीं। यह मी टू अभियान पर कांग्रेस पार्टी के रुख की भी अभिपुष्टि है।' उन्होंने कहा, 'आखिरकार कई महिलाओं के साथ गलत व्यवहार के आरोपी अकबर ने इस्तीफा दे दिया है तो ऐसे में क्या प्रधानमंत्री बोलने की हिम्मत करेंगे?'
- प्रिया रमानी का समर्थन करने वाली मीनल बघेल ने अकबर के पद त्याग को लंबे समय से बकाया बताया, जबकि लेखिका किरण मनराल ने कहा कि न्याय के लिए उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है। मुंबई मिरर की संपादक बघेल ने एक कहा, 'यह अच्छा काम है और हम इसका स्वागत करते हैं। इस्तीफा पहले ही हो जाना चाहिए था।
- अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि 20 महिलाओं के साहस और प्रतिबद्धता के कारण अकबर को देर से ही सही लेकिन पद छोड़ना पड़ा। वहीं महिला अधिकार कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा कि अकबर को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने पहले इस्तीफा नहीं दिया।