संजय राउत का BJP पर तंज - 'सेठ जिनके घर शीशे के होते हैं वे दूसरों के घरों में पत्थर नहीं फेंका करते'
By: Pinki Mon, 02 Dec 2019 08:12:00
महाराष्ट्र में काफी जद्दोजहद के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार का गठन कर लिया है। इसके बावजूद शिवसेना और बीजेपी के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) के बार फिर अपने ट्विट के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है। संजय राउत ने सोमवार सुबह अपने ट्विट में लिखा 'सेठ, जिनके घर शीशे के होते हैं वे दूसरों के घरों में पत्थर नहीं फेंका करते।' यह डायलॉग राजकुमार अभिनीत एक फिल्म का है। इससे पहले रविवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मजबूत होने का मजा ही तब है, जब सारी दुनिया आपको कमजोर करने पर तुली हो।
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में लड़ा था, लेकिन चुनाव बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर दोनों दलों के बीच दरार आ गई। आखिरकार तकरीबन तीन दशक पुराना राजनीतिक गठजोड़ टूट गया। इसके बाद से लगातार संजय राउत अपने ट्विट और बयानों के जरिए बीजेपी पर हमला बोल रहे है।
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 2, 2019
आरे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस होंगे वापस
वही रविवार शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि उनकी सरकार ने मुंबई में आरे मेट्रो कार शेड निर्माण के खिलाफ आंदोलन करने वाले पर्यावरणविदों पर दर्ज मुकदमा को वापस लेने का फैसला किया है। उद्धव ने कहा मैंने आरे मेट्रो कार शेड के खिलाफ आंदोलन करने वाले कई पर्यावरणविदों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया है। वहीं, मेट्रो कार शेड के निर्माण पर रोक लगाने के ऐलान के बाद आरे के पेड़ों को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने रविवार दोपहर आरे पर इकट्ठा हुए और सीएम उद्धव ठाकरे को धन्यवाद कहा। वही मुंबई के आरे में मेट्रो शेड का काम रोक दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा मैंने आरे मेट्रो कार शेड प्रॉजेक्ट का काम रोकने के आदेश दिए हैं। मेट्रो का काम बंद नहीं होगा, लेकिन आरे की एक पत्ती भी अब नहीं कटेगी। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का पद संभालना मेरे लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा, मुझे आपके सहयोग की अपेक्षा है।
बता दें कि अक्टूबर के महीने में मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के लिए काटे जा रहे पेड़ों को बचाने के लिए धरना-प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान पर्यावरण कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किए थे। वहीं, शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री ठाकरे ने अपने पहले फैसले में आरे मेट्रो कार शेड परियोजना के काम को रोकने का आदेश दिया था।