लोकसभा चुनाव 2019: 'सही सरकार' लाने के लिए संघ का स्वयंसेवकों को संदेश, 'लगाओ ज्यादा जोर'
By: Pinki Sat, 16 Mar 2019 08:22:34
पिछले हफ्ते ग्वालियर में हुई संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के जरिए अपने स्वयंसेवकों को संदेश दिया गया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में 'अपनी विचारधारा के अनुकूल' देशहित में 'सही सरकार' लाने के लिए ज्यादा जोर लगाना होगा। संघ के एक नेता ने माना कि इस बार ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। हम स्वयंसेवकों को भी यही बता रहे हैं। स्वयंसेवक लोगों के बीच जाकर 100 फीसदी मतदान की बात जाहिर तौर पर बोलते हैं। मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश में ही स्वयंसेवक काम करते हैं। ग्वालियर में समापन भाषण में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी यही कहा। हालांकि संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने यह भी कहा कि लोगों को मालूम है कि देशहित में क्या करना है। उनका इशारा साफ था।
इस बार 'राष्ट्रविरोधी शक्तियां' भी लगी हुई हैं
संघ के एक दूसरे नेता ने कहा कि इस बार चुनौतियां ज्यादा हैं। क्या चुनौतियां हैं, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि इस बार सब ज्यादा शक्ति से लगेंगे क्योंकि इस बार 'राष्ट्रविरोधी शक्तियां' भी लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में अनुकूलता (बीजेपी के पक्ष में) थी और माहौल पूरी तरह समर्थन का था। अब लोगों में राजी-नाराजगी सब है। ये सब जगह है, स्वयंसेवकों में भी है। इसलिए राष्ट्रविरोधी ताकतों को रोकने के लिए ज्यादा जोर लगाना होगा।
कौन हैं राष्ट्रविरोधी ताकतें
कौन हैं राष्ट्रविरोधी ताकतें, यह पूछने पर संघ के नेता ने कहा कि संघ जिन्हें राष्ट्रविरोधी शक्तियां मानता है वह देश के अंदर भी हैं और बाहर भी। वे ताकतें नहीं चाहती कि संघ और संघ की राष्ट्रवादी विचारधारा देश में लंबे समय तक कायम रहे, इसलिए वह उस विचारधारा को परास्त करने के लिए तरह तरह के गठजोड़ कर रहे हैं।
डोर-टू-डोर जाकर जागरण पत्र बांटेंगे, मतदान के लिए जागरूक करेंगे
संघ के लोग किस तरह मतदाताओं तक पहुंचेंगे यह पूछने पर संघ के एक नेता ने बताया कि संघ का सांगठनिक ढांचा सब जगह है। बूथ के हिसाब से स्वयंसेवकों की टोलियां बनेंगी और वह डोर-टू-डोर जाकर जागरण पत्र बांटेंगे। वह किसी पार्टी का नाम नहीं लेंगे, लेकिन राष्ट्रीय कर्तव्यों का बोध कराएंगे। मतदान अहम दायित्व है यह बताएंगे, साथ ही देशहित में सोचकर मतदान करने को कहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कि जब संघ के लोग जाएंगे तो लोगों को पता ही होगा कि वह जिस विचारधारा की बात कर रहे हैं, उस विचारधारा के साथ कौन सी पार्टी है। उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर पहले चरण में मतदान होना है वहां टोलियां बनाने का काम शुरू कर दिया गया है और जल्द ही स्वयंसेवक डोर-टू-डोर जाना शुरू कर देंगे।
राम मंदिर के निर्माण में देरी के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार नहीं
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के मसले पर संघ की प्रतिनिधि सभा ने सरकार की आलोचना नहीं करते हुए देरी का ठिकरा न्यायपालिका पर फोड़ दिया। संघ की ओर से प्रतिनिधि सभा में पेश वार्षिक प्रतिवेदन में कहा गया है, ‘राम जन्मभूमि संबंधित चल रही न्यायिक प्रक्रिया गतिमान करते हुए एक बहु प्रतिक्षित विवाद समाप्त करने के स्थान पर न्यायालय का रवैया आश्चर्यजनक है। इस प्रकार के संवेदनशील और हिन्दू समाज की आस्था एवम राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक से संबंधित विषय सर्वोच्च न्यायालय को प्राथमिकता न लगना यह समझ के परे है। हिंदू समाज के राष्ट्रीय गौरव एवम पहचान की निरंतर उपेक्षा हो रही है ऐसा हम अनुभव कर रहे हैं। न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास व्यक्त रखते हुए यह आग्रहपूर्वक कहना चाहते हैं, कि शीघ्रता से इस विवाद का निर्णय करे और भव्य राम मंदिर निर्माण की बाधाएं दूर करे।’