गोडसे विवाद: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने खुद को दी सज़ा, कहा - देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची तो मैं इसके लिए माफी मांगती हूं

By: Pinki Mon, 20 May 2019 3:45:37

गोडसे विवाद: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने खुद को दी सज़ा, कहा - देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची तो मैं इसके लिए माफी मांगती हूं

भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने चुनाव के दौरान राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की गोली मार कर हत्‍या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे को आतंकी बताने वाले कमल हासन के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था, ''नाथूराम गोडसे देशभक्‍त थे, देशभक्‍त हैं और देशभक्‍त रहेंगे।'' उनके इस बयान के बाद पार्टी मुश्किल में घिर गई थी। दबाव बढ़ने पर साध्वी को माफी मांगनी भी पड़ी थी। इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि मेरे शब्दों से समस्त देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची है तो मैं इसके लिए माफी मांगती हूं और अब वह 21 प्रहर का मौन रखेंगी।

मोदी ने कहा था- कभी मन से माफ नहीं कर पाऊंगा

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा था, ''गांधीजी और गोडसे के संबंध में जो भी बयान दिए गए, ये भयंकर खराब हैं, घृणा और आलोचना के लायक हैं, सभ्य समाज में ये सोच नहीं चल सकती। ऐसी बातें करने वालों को आगे सौ बार सोचना चाहिए। उन्होंने माफी मांग ली है, ये अलग बात है। लेकिन मैं मन से माफ नहीं कर पाऊंगा।'' भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रज्ञा के बयान को लेकर कहा था कि पार्टी का इन बयानों से कोई लेना देना नहीं है।

साध्वी ने बताया था गोडसे को 'देशभक्त'

बता दें भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ने पहले राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताया और विवाद के बाद माफी भी मांग ली। गुरुवार को प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्‍त बताया था। प्रज्ञा ने कहा था कि 'नाथूराम गोडसे देशभक्‍त थे, देशभक्‍त हैं और देशभक्‍त रहेंगे।' प्रज्ञा ने कहा था कि' नाथूराम गोडसे को आतंकवादी कहने वाले लोग अपने गिरेबां में झांक कर देखें। ऐसे लोगों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा।'

हालांकि देर रात उन्होंने अपने इस बयान पर माफी मांग ली। प्रज्ञा ने ट्वीट किया- 'मैं नाथूराम गोडसे के बारे में दिये गए मेरे बयान के लिये देश की जनता से माफ़ी माँगती हूँ । मेरा बयान बिलकुल ग़लत था। मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूं।'

कौन हैं साध्वी प्रज्ञा?

साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड में हुआ था। उनके पिता डॉ। चंद्रपाल सिंह आयुर्वेदिक डॉक्टर थे और प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मरीजों का इलाज करते थे। पिता के संघ से जुड़े होने के कारण उनका भी झुकाव संघ और विहिप की ओर हो गया। संघ से जुड़ने के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया। इसके अलावा वह भोपाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रहीं। प्रज्ञा ठाकुर ने इतिहास में एमए किया है। वह विश्व हिन्दू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ी थीं।

गौरतलब है कि 2002 में उन्होंने 'जय वंदे मातरम जन कल्याण समिति' बनाई। बाद में वह स्वामी अवधेशानंद गिरि के संपर्क में आईं। इसके बाद उन्होंने एक 'राष्ट्रीय जागरण मंच' बनाया। साल 2019 में प्रयागराज कुंभ के अवसर पर उन्हें 'भारत भक्ति अखाड़े' का आचार्य महामंडलेश्वर घोषित किया गया था। अब वह 'महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानन्द गिरि' के नाम से जानी जाती हैं। राजनीतिक बयानों के अलावा गोमूत्र के सेवन से कैंसर ठीक करने वाले बयान को लेकर भी उनकी काफी आलोचना की गई थी। 17 अप्रैल 2019 को उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली। पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल से टिकट दिया।

इसके पहले प्रज्ञा ने मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर भी विवादित बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद निर्वाचन आयोग ने उनके चुनाव प्रचार अभियान पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया था।

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