राजस्थान प्रभारी पद छीने जाने के बाद बोले कुमार विश्वास - 'पूजा का दीप नहीं डरता, इन षड्यंत्री आभाओं से'
By: Priyanka Maheshwari Wed, 11 Apr 2018 5:57:47
आम आदमी पार्टी (आप) ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को कुमार विश्वास का कद और घटाते हुए अब उन्हें राजस्थान के प्रभारी पद से हटा दिया है। 'आप' ने कुमार विश्वास की जगह दीपक वाजपेयी प्रभारी नियुक्त किया है। पार्टी के नेता आशुतोष ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस संबंध में जानकारी दी। आशुतोष ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने फैसला लिया है कि वो राजस्थान विधानसभा का चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। आम आदमी पार्टी ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
आशुतोष ने कहा कि वसुंधरा सरकार ने पिछले 4 सालों में राजस्थान को सदियों पीछे छोड़ दिया है। आज किसान पूरी तरह से नाराज हैं, बिजली के दाम लगभग 4 गुना बढ़ गए हैं, भ्रष्टाचार की तो कोई सीमा ही नहीं। इन सबके मद्देनजर आम आदमी पार्टी का मानना है कि राजस्थान को एक नए विकल्प की तलाश है।
प्रभारी पद से हटाए जाने के बाद कुमार विश्वास ने ट्वीट कर केजरीवाल पर निशाना साधा है और कहा है कि पूजा का दीपक षड्यंत्री आभाओं से नहीं डरता।
आम आदमी पार्टी के राजस्थान यूनिट के प्रभारी पद से हटाए जाने के बाद कुमार विश्वास के दफ्तर से बयान आया है कि इस तरह से हटाए जाने का साफ मतलब है कि पार्टी ने कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी किसी रणनीति के मुताबिक नहीं बल्कि अमानतुल्लाह खान प्रकरण में हुई फजीहत से पीछा छुड़ाने के लिए किया था।
बयान में कहा गया है कि हमें मीडिया के माध्यम से सूचना मिली कि कुमार विश्वास को राजस्थान के प्रभारी पद से हटा दिया गया है। पार्टी की तरफ से उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई।
कुमार के दफ्तर के बयान में ये बात भी है कि जिस पीएसी की बैठक में ये फैसला लेने की बात कही गई है उसके बारे में भी कुमार विश्वास को सूचना नहीं दी गई थी। जबकि कुमार विश्वास पीएसी के सदस्य हैं। अगर पीएसी के सदस्य को ही इसके बारे में न पता हो तो उसका कोरम कैसे पूरा हो सकता है।
हम शब्द-वंश के हरकारे,सच कहना अपनी परम्परा
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 11, 2018
हम उस कबीर की पीढ़ी,जो बाबर-अकबर से नहीं डरा
पूजा का दीप नहीं डरता,इन षड्यंत्री आभाओं से
वाणी का मोल नहीं चुकता,अनुदानित राज्य सभाओं से
जिसके विरुद्ध था युद्ध उसे,हथियार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको,अख़बार बना कर क्या पाया?😳👎 https://t.co/koUnDmuiSi
तुम निकले थे लेने “स्वराज”
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 11, 2018
सूरज की सुर्ख़ गवाही में,
पर आज स्वयं टिमाटिमा रहे
जुगनू की नौकरशाही में,
सब साथ लड़े,सब उत्सुक थे
तुमको आसन तक लाने में,
कुछ सफल हुए “निर्वीय” तुम्हें
यह राजनीति समझाने में,
इन “आत्मप्रवंचित बौनों” का,
दरबार बना कर क्या पाया?😳https://t.co/mbG1wvgKJ0