घिनौना लगता है चुनावों और रमजान के बारे में हो रही बहस, चुनाव आयोग को इस पर विचार नहीं करना चाहिए : जावेद अख्तर
By: Pinki Tue, 12 Mar 2019 09:05:03
रविवार को लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो चुका है, चुनाव आयोग ने एलान कर दिया कि सात चरणों में लोकसभा की सभी 543 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक चलेगा। वहीं गुरुवार 23 मई को नतीजों का एलान किया जाएगा। लोकसभा चुनाव की तारीखों ऐलान हो गया है लेकिन इन तारीखों को लेकर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों ने आपत्ति जताई और मई में रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव कराए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए चुनाव आयोग से तारीखें बदलने पर विचार करने की मांग की है। इस पर कवि, गीतकार और बॉलीवुड फिल्मों के स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर ने कहा कि मुझे रमजान और चुनावों के बारे में हो रही बहस घिनौना लगता है। यह धर्मनिरपेक्षता का विकृत और विक्षेपित संस्करण है, जो मेरे लिए प्रतिकारक, विद्रोही और असहनीय है। चुनाव आयोग को इस पर विचार नहीं करना चाहिए।
I find this whole discussion about Ramzan and elections totally disgusting . This is the kind of distorted and convoluted version of secularism that to me is repulsive , revolting and intolerable . EC shouldn’t consider it for a second .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 11, 2019
हालांकि चुनाव आयोग ने रमजान के महीने में चुनाव कराने के फैसले पर उठ रहे सवालों को नकारते हुए कहा कि चुनाव कार्यक्रम में मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है। एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने 6 मई से 19 मई के बीच होने वाले लोकसभा चुनाव कार्यक्रम को लेकर कहा कि 5 मई को मुसलमानों के सबसे पवित्र महीने यानी रमजान का चांद देखा जाएगा। अगर चांद नजर आ जाता है तो 6 मई को पहला रोजा होगा। रमजान के दौरान देश में छह, 12 और 19 मई को वोटिंग होगी। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि चुनाव आयोग को देश के मुसलमानों का ख्याल रखते हुए चुनाव कार्यक्रम तय करना चाहिए था। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह मई माह में होने वाले मतदान की तारीखें बदलने पर विचार करे।
इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने भी रमजान के दौरान चुनाव कराये जाने पर नाखुशी जाहिर की है। शाइस्ता ने कहा कि चुनाव भी लोकतंत्र का पर्व है, लेकिन अगर इसकी घोषणा में सभी समुदायों की भावनाओं का ख्याल किया जाता तो खुशी होती। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में रोजा रहकर वोट देने में तकलीफों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही नमाज में भी बाधाएं आएंगी।
इधर, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग पर बीजेपी कार्यालय से संचालित होने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि पवित्र रमजान के महीने में तीन चरणों का लोकसभा चुनाव कराना मुस्लिम समुदाय के लिए मतदान को कठिन कर देने की साजिश और बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश है। इस मामले में आयोग की ओर से सोमवार को जारी प्रतिक्रिया में कहा गया है कि रमजान के दौरान पूरे महीने के लिए चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता। आयोग ने स्पष्ट किया कि इस दौरान ईद के मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)