अलगाववादियों की गिरफ्तारी पर महबूबा मुफ्ती ने उठाए सवाल, कहा - इंसान को कैद कर सकते हो उसके विचार नहीं
By: Priyanka Maheshwari Sat, 23 Feb 2019 11:40:51
अलगाववादियों पर की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि किस आधार पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा, 'किसी व्यक्ति को कैद किया जा सकता है, लेकिन उसके विचारों को नहीं।' बता दे, शुक्रवार रात जेकेएलएफ (JKLF) प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया। यासीन मलिक के अलावा घाटी के कई हिस्सों से दर्जनों जमात-ए-इस्लामी (JeI) नेताओं को हिरासत में लिया गया है। मलिक की नजरबंदी सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए पर 25 फरवरी को होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले है। अनुच्छेद 35 ए, जो 1954 में भारतीय संविधान में शामिल किया गया था। ये जम्मू और कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार प्रदान करता है।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। ऐसी मनमानी चाल को समझना मुश्किल है। किस कानूनी आधार के तहत उनकी गिरफ्तारी जायज है? आप किसी व्यक्ति को कैद कर सकते हैं, लेकिन उसके विचारों को नहीं।'
In the past 24 hours, Hurriyat leaders & workers of Jamaat organisation have been arrested. Fail to understand such an arbitrary move which will only precipitate matters in J&K. Under what legal grounds are their arrests justified? You can imprison a person but not his ideas.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 23, 2019
पिछले हफ्ते जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने पांच अलगाववादी नेताओं (मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट) की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था। अधिकारियों ने कहा, 'इन पांच नेताओं और अन्य अलगाववादियों को किसी भी तरह का सुरक्षा कवर नहीं दिया जाएगा।' हालांकि, पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी का नाम सूची में नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 फरवरी को पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद अपनी घाटी की यात्रा के दौरान कहा था, 'जम्मू और कश्मीर में कुछ तत्वों के आईएसआई (पाकिस्तान में) और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं। उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जानी चाहिए।'