भारत की अमेरिका को दो टूक, हमें रूस से क्या खरीदना है, क्या नहीं, यह हमारा अधिकार

By: Pinki Tue, 01 Oct 2019 09:49:38

भारत की अमेरिका को दो टूक, हमें रूस से क्या खरीदना है, क्या नहीं, यह हमारा अधिकार

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने रूस (Russia) से सैन्य समझौता करने पर पहली बार अमेरिका (America) को सीधे जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय अमेरिकी दौरे पर हैं। सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ हुई बैठक के बाद एस जयशंकर ने कहा कि भारत रूस से एस-400 (S-400) मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए स्वतंत्र है।

उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं। हमने हमेशा इस बात को कहा है कि हम क्या सैन्य उपकरण खरीदते हैं, यह हमारा संप्रभु अधिकार है। उन्होंने कहा, हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं।'

जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, 'इस चयन का अधिकार हमारा है और मुझे लगता है कि इस बात को समझना हर एक के हित में है। किसी भी चीज को चुनने की आजादी हमारी अपनी है। मुझे लगता है कि यह सभी के हित में है कि वे हमारी स्वायत्तता को पहचानें।'

जयशंकर ने ईरान पर बातचीत को लेकर आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि भारत के लिए 'हमें बार-बार भरोसा दिलाया गया है कि ऊर्जा के प्रति किफायती पहुंच में कोई बदलाव नहीं होगा।'

दरअसल, भारत ने रूस से पिछले साल ही एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (S-400 Missile Defence System) खरीदने का करार किया है। इस बात से नाराज अमेरिका ने कई बार भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन लगातार ही भारत और रूस के बीच सैन्य समझौते पर नाराजगी जताता रहा है। दो महीने पहले जब भारत ने रूस को एडवांस पेमेंट किया, तब भी अमेरिका ने धमकी देते हुए कहा था कि भारत का यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों पर गंभीर असर डालेगा। ट्रम्प प्रशासन के अफसर लगातार कहते रहे हैं कि भारत को सैन्य समझौतों के लिए अमेरिका और रूस में से किसी एक को चुनना होगा। अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए सभी देशों को उससे तेल खरीदने से रोकने के लिए उन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। ट्रंप प्रशासन ने भारत समेत ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को मिली छूट समाप्त कर दी थी।

काट्सा कानून के तहत प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका

अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है। हाल ही में अमेरिका ने तुर्की पर एस-400 सिस्टम खरीदने के लिए प्रतिबंध लगा दिए थे। साथ ही उसके साथ एफ-35 फाइटर जेट की डील रद्द कर दी थी।

क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम?


एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा। एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है। चीन के बाद इस डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है।

भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहली खेप साल 2021 के मध्य तक प्राप्त हो जाएगी। भारत ने दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों के लिए पांच अक्तूबर 2018 को नई दिल्ली में 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान पांच एस-400 प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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