सिक्किम / 'जीरो डिग्री' में परेशान हो गए थे चीनी नागरिक, भारतीय सेना ने की मदद, बचाई जान
By: Pinki Sat, 05 Sept 2020 2:06:24
गलवान झड़प (15 जून) के बाद पहली बार भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच शुक्रवार को रूस में आमने-सामने बातचीत हुई। ढाई घंटे चली ये बैठक शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की मीटिंग के इतर हुई। बातचीत का मुख्य मुद्दा सीमा विवाद ही रहा। राजनाथ ने चीनी विदेश मंत्री वेई फेंगे से कहा कि गलवान घाटी समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर बीते कुछ महीनों में तनाव रहा है। सीमा पर चीन का अपने सैनिकों को बढ़ाना आक्रामक बर्ताव (अग्रेसिव बिहेवियर) को दिखाता है। यह द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। वहीं, भारत और चीन के बीच सीमा पर सैन्य गतिरोध के बावजूद देश के जवान उत्तरी सिक्किम में चीनी नागरिकों को परेशानी में देख अपना धर्म निभाने से पीछे नहीं रहे। सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, चीन के तीन नागरिक, जिसमें एक महिला भी शामिल थी, गत तीन सितंबर को उत्तरी सिक्किम में 'जीरो डिग्री' तापमान के दौरान परेशानी में थे।
करीब 17,500 फीट की ऊंचाई पर उत्तरी सिक्किम के पठार क्षेत्र में ये तीनों चीनी नागरिक रास्ता भटक गए थे। तब भारतीय जवानों ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया। चीनी नागरिकों की जिंदगी को परेशानी में समझकर, जिसमें दो पुरुष और एक महिला शामिल है, भारतीय जवान तुरंत मदद को पहुंच गए। जीरो डिग्री से भी कम तापमान के कारण सभी की जान मुश्किल में आ गई थी, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें बचाने के लिए ऑक्सीजन, खाना और गर्म कपड़े समेत चिकित्सा सहायता दी। इतना ही नहीं, भारतीय सैनिकों ने भी उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए उचित रास्ते के बारे में भी जानकारी दी जिसके बाद वे वापस चले गए। चीनी नागरिकों ने उनकी त्वरित सहायता के लिए भारत और भारतीय सेना का आभार जताया है।
मई से चीन सीमा पर हालात तनावपूर्ण
आपको बता दे, 15 मई को लद्दाख के गलवान में चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कंटीले तारों से हमला कर दिया था। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में चीन के भी 35 सैनिक मारे गए, पर उसने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की। विवाद को हल करने के लिए बीते महीनों में चीन और भारत के बीच कई बार सैन्य और आधिकारिक स्तर की बातचीत हो चुकी हैं, पर चीन हरकतों से बाज नहीं आ रहा।