गलवान में झड़प के बाद अब तक क्या हुआ, एक नजर में...
By: Pinki Fri, 03 July 2020 12:56:29
गलवान झड़प के 18 दिन बाद आज शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने आर्मी, एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान वे मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती जख्मी सैनिकों से भी मिलेंगे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी थे। आपको बता दे, भारत और चीन के बीच हालिया तनाव की शुरुआत 5 मई को हुई। नॉर्थ सिक्किम के पैंगोंग त्सो लेक के पास भारत एक सड़क बना रहा था। चीन ने इसका विरोध किया। दोनों देशों के सैनिकों की झड़प हुई। यहां से बढ़ता मामला लद्दाख तक पहुंचा। पूर्वी लद्दाख में फिंगर एरिया और गलवान घाटी में चीनी सेना ने टेंट लगा लिए। भारत ने इन्हें हटाने को कहा। 15 जून को सैनिकों की झड़प हुई। भारत के 20 जवान शहीद हो गए। दावा है कि चीन के भी 43 सैनिक मारे गए। हालांकि, उसने इसकी पुष्टि नहीं की। ऐसे में आज हम जानते हैं कि इस मामले में 15 जून से अब तक क्या बड़े डेवलपमेंट हुए
15 जून: सैन्य झड़प, 20 जवान शहीद
भारत और चीन के कमांडरों के बीच बातचीत में 6 जून को यह तय हुआ था कि दोनों देशों के सैनिक पुरानी पोजिशन पर लौट जाएंगी। 15 जून की रात को भारत कर्नल संतोष बाबू सैनिकों के साथ यह देखने गए कि समझौते के मुताबिक चीनी सैनिक लौटे या नहीं। वहां चीनी सैनिक मौजूद थे। बाबू ने इसका विरोध किया। इस दौरान चीनी सैनिकों ने साजिश के तहत हमला किया। हमारे 20 जवान शहीद हो गए। भारत सरकार ने इसे स्वीकार किया। मोदी ने कहा- सैनिक मारते-मारते मरे।
17 जून : वायुसेना प्रमुख लेह पहुंचे, सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000 और जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट की तैनाती
एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया 17 जून को लेह और 18 जून को श्रीनगर एयरबेस गए थे। ये दोनों ही एयरबेस पूर्वी लद्दाख इलाके के पास हैं। उन्होंने कहा- वायुसेना किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार रहती है। एयरफोर्स ने सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000 और जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट को फॉरवर्ड बेस पर तैनात किया। अपाचे और चिनूक जैसे एयरक्राफ्ट भी तैनात।
18 जून: विदेश मंत्री वांग यी पहली बार बोले
झड़प के बाद भारत के तेवर देखते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर को फोन किया। इसके कुछ देर बाद जयशंकर ने कहा- गलवान में जो कुछ उसके लिए चीन जिम्मेदार है। यह कदम उसने सोच-समझकर उठाया था। इसी दिन दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत शुरू हुई। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में अलर्ट घोषित किया गया।
21 जून : रणनीति में अहम बदलाव
लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने एक अहम आदेश दिया। इसमें कहा गया कि फॉरवर्ड पोस्ट्स पर तैनात फील्ड कमांडर हालात को देखते हुए अपने जवानों को हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी दे सकते हैं। यह इसलिए बेहद खास था कि एलएसी पर दो किलोमीटर एरिया में भारत और चीन के जवान समझौते के तहत हथियार (बंदूक या फायर आर्म्स) इस्तेमाल नहीं कर सकते।
24 जून : आर्मी चीफ लद्दाख पहुंचे
भारत में बैठकों का दौर जारी था। इस बीच, रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे लद्दाख पहुंचे। यहां उन्होंने लेह में घायल सैनिकों से मुलाकात की। इसके बाद वहां मौजूद सैन्य कमांडरों के साथ फॉरवर्ड पोस्ट्स का जायजा लिया। लौटकर दिल्ली आए। रक्षा मंत्री, सीडीएस बिपिन रावत को जानकारी दी। इसी दिन सीडीएस रावत ने तीनों सेनाओं के अध्यक्षों की मीटिंग ली।
26 जून : अमेरिका का बड़ा बयान
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा- भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में चीन के खतरे को देखते हुए अमेरिका अपने सैनिकों की शिफ्टिंग कर रहा है। यूरोप से बड़ी संख्या में हमारे सैनिक अब एशिया में तैनात किए जाएंगे। इसकी एक बड़ी वजह भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प का होना है। पोम्पियो ने कहा- हम यूरोप में अपने सैनिकों की संख्या घटा रहे हैं। चीन ने अमेरिका के बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
29 जून : जनरल वीके सिंह का खुलासा
केंद्रीय मंत्री जनरल (रिटायर) वीके सिंह ने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून को हुई हिंसक झड़प पर नया खुलासा किया। कहा, “हिंसक झड़प की वजह चीनी सेना के एक टेंट में लगी आग थी। यह कैसे लगी, इस पर कुछ कहना मुश्किल है। घटना पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के आसपास की है। 15 जून की शाम हमारे सैनिक वहां यह देखने गए कि चीनी सेना लौटी या नहीं। भारतीय सैनिकों पर हमला चीन ने किया था।”
30 जून : चीन के 59 ऐप्स पर बैन
भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया। इस लिस्ट में TikTok, UC Browser, Helo और ShareIt जैसे ऐप्स शामिल हैं। सरकार ने कह 'इन चाइनीज ऐप्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं। इनके जरिए यूजर्स का डेटा चुराया जा रहा था। इनसे देश की सुरक्षा और एकता को भी खतरा था। इसी वजह से इन्हें बैन करने का फैसला लिया गया।' चीन ने कहा 'भारत का यह कदम गलत है। हम उसकी किसी चीज पर बैन नहीं लगाएंगे।'
02 जुलाई : ग्लोबल टाइम्स का दावा
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि भारत और चीन तनाव कम करने के लिए अलग-अलग बैच में अपने सैनिक कम करेंगे। भारत ने इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया।
बता दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नीमू की फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंचे। यहां पर सीनियर अधिकारियों ने उन्हें मौके की जानकारी दी। पीएम मोदी ने सेना, वायुसेना के अफसरों से सीधे संवाद भी किया। पहले इस दौरे पर सिर्फ CDS बिपिन रावत को ही आना था, लेकिन पीएम मोदी ने खुद पहुंचकर सभी को चौंका दिया। पीएम मोदी के साथ CDS बिपिन रावत के अलावा सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी लेह में मौजूद हैं। पिछले दो महीने में चीन के साथ सैन्य और डिप्लोमेटिक स्तर पर कई लेवल की बात हो गई है, जिसमें माहौल को शांत करने की कोशिश की गई है। हालांकि, इसमें अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है।