आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर बैन लगाने की तैयारी में भारत-फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र संघ में रखेंगे प्रस्ताव

By: Pinki Mon, 25 Feb 2019 08:54:30

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर बैन लगाने की तैयारी में भारत-फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र संघ में रखेंगे प्रस्ताव

पुलवामा में आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) और आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्‍तान (Pakistan) को अब वैश्विक स्‍तर पर दबाव झेलना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत (India) की कोशिशों में फ्रांस (France) का साथ मिला है। फ्रांस सरकार के सूत्रों ने पिछले दिनों इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में जैश-ए-मोहम्मद को प्रतिबंधित करने के लिए फ्रांस प्रस्ताव पेश करेगा। फ्रांस ने अपने प्रयासों के लिए अन्य यूरोपीय देशों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने भी अपने मित्र देशों के साथ मेल-जोल बढ़ा दिया है ताकि वह फ्रांस की इस पहल को रोक सके।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ इस कूटनीतिक घात के बाद भारत और फ्रांस पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। इसके साथ खबरे यह भी है कि जैश के सरगना मसूद अजहर के साथ-साथ उसके भाई अब्दुल रौफ असगर और अन्य जैश कमांडरों के खिलाफ भी ऐसा ही एक प्रस्ताव यूएन में पेश किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के साथ पठानकोट हमले के आरोपी असगर को भी प्रतिबंधित करने के लिए भी सरकार डॉजियर तैयार कर रही है। अब देखना यह है कि असगर और अन्य जैश के आतंकियों को यूएन के सेक्शन कमिटी 1267 के तहत प्रतिंबधित सूची में शामिल करने के लिए अलग से प्रस्ताव रखा जाएगा या अजहर के लिए पेश किए जाने वाले प्रस्ताव में उनका नाम भी शामिल कर लिया जाएगा।

हालाकि जैश के अन्य कमांडरों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल कराने के भारत के प्रयासों पर चीन रोड़ा बन सकता है। 2017 में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने ही वीटो लगाया था और कहा था कि ऐसा करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। चीन द्वारा ऐसा करने पर भारत ने इसे सेलेक्टिव अप्रोच और डबल स्टैंडर्ड बताकर आलोचना करते हुए कहा था कि इससे आतंकवाद से जंग जीतने की अंतरराष्ट्रीय प्रयास कमजोर होते हैं। माना जा रहा है कि चीन एक बार फिर से अजहर पर वही रुख कायम रख सकता है। हालांकि, चीन अगर असगर और अन्य जैश कमांडरों को प्रतिबंधित करने वाले प्रस्ताव के साथ भी ऐसा करता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है।

बता दें कि अजहर का भाई असगर न सिर्फ पठानकोट हमले में शामिल था बल्कि वह भारत के खिलाफ अपने अभियान में अजहर से ज्यादा ऐक्टिव है। कुछ दिन पहले भी असगर ने भारत पर हमले की बात कही थी। कश्मीर एकजुटता दिवस के दिन असगर ने कहा भी था कि वह भारत को आतंकित करना चाहता है। असगर के अलावा इब्राहिम अतहर और शाहिद लतीफ का नाम प्रतिबंध के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है। दोनों ही पठानकोट हमले के आरोपी हैं।

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