गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जी.एस.टी.) की दरें तय
By: Sandeep Gupta Sat, 20 May 2017 12:12:47
श्रीनगर में गुरुवार को शुरू हुई दो दिवसीय जी.एस.टी. काउंसिल की बैठक में रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स रेट घटाने का फैसला लिया गया।गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जी.एस.टी.) के तहत अधिकतर वस्तुओं की टैक्स दरों को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच सहमति बन गई है। नए टैक्स सिस्टम के तहत कई जरूरी चीजों की कीमतें कम हो सकती हैं।
जी. एस. टी. क्या है !!!
GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स है। इसको केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लागू किया जाएगा। यह देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और इस्तेमाल पर लागू होगा। सरल शब्दों में कहें ताे जी.एस.टी. पूरे देश के लिए इनडायरेक्ट टैक्स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। जी.एस.टी. लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स (सामान) एक ही कीमत पर मिलेंगे। अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग टैक्स रेट होने की वजह से अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती हैं।
किन चीजो पर क्या टैक्स लगेगा जी.एस.टी. में
कल रात कुल 1208 वस्तुओ का कर निर्धारित किया गया है जिनमे से कुछ निम्न है।
टैक्स की सबसे निचली 5 % की दर
अनाज से बनी हुई वस्तुए, फिश फिलेट, क्रीम, स्किम्ड मिल्ड पाउडर, ब्रांडेड पनीर, फ्रोजन सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, पिज्जा ब्रेड, रस, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट और लाइफबोट्स जैसे आइटम्स।
12 % के स्लैब में
फ्रोजन मीट प्रॉडक्ट्स, बटर, पनीर, पैकेज्ड ड्राई फ्रूट्स, ऐनिमल फैट, सॉस, फ्रूट जूस, भुजिया, नमकीन, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथ पाउडर, अगरबत्ती, कलर बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाता, सिलाई मशीन और सेल फोन जैसी जरूरी आइटम्स को रखा गया है।
18 % के स्लैब में
फ्लेवर्ड रिफाइंड शुगर, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्रीज और केक, प्रिजर्व्ड वेजिटेबल्स, जैम, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेज, मिनरल वॉटर, टिशू, लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील प्रॉडक्ट्स, प्रिंटेड सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर्स आदि को लिया गया है।
28 % के स्लैब में
चुइंग गम, गुड़, कोकोआ रहित चॉकलेट, पान मसाला, वातित जल, पेंट, डीओडरन्ट, शेविंग क्रीम, हेयर शैम्पू, डाइ, सनस्क्रीन, वॉलपेपर, सेरेमिक टाइल्स, वॉटर हीटर, डिशवॉशर, सिलाई मशीन, वॉशिंग मशीन, एटीएम, वेंडिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, शेवर्स, हेयर क्लिपर्स, ऑटोमोबाइल्स, मोटरसाइकल, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट और नौकाविहार को लग्जरी मानते हुए कई चीजो को इस इस स्लैब में शामिल किया है।
GST को सर्विसेज में भी समझे