घर खरीदने का सपना देख रहे लोगों को मोदी सरकार की सौगात, जीएसटी दरों में की बड़ी कटौती
By: Priyanka Maheshwari Sun, 24 Feb 2019 7:34:49
घर का सपना देख रहे लोगों को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की आज दिल्ली में हुई बैठक ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में बड़ी कटौती की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बताया कि किफायती मकानों पर जीएसटी की दर को आठ प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया। जीएसटी परिषद ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया। इस फैसले से मकान खरीदारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। परिषद ने इसके साथ ही किफायती दर की परिभाषा को भी उदार किया है। इसके तहत महानगरों में 45 लाख रुपये तक की लागत वाले और 60 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के मकानों को इस श्रेणी में रखा जाएगा। इसी तरह छोटे-मझोले शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के मकानों को इस श्रेणी का माना जाएगा। बेंगलुरु, चेन्नै, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में 60 वर्ग मीटर कार्पेट एरिया तक के मकान किफायती माने जाएंगे, जबकि नॉन मेट्रो शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के घर अफोर्डेबल माने जाएंगे। आवासीय परियोजनाओं के लिए जीएसटी की ये दरें एक अप्रैल, 2019 से लागू होंगी।
A Jaitley:We've adopted twin definition of affordable housing. One on basis of carpet area&2nd on cost. In metros,60 sq m carpet area&Rs45 lakh cost of apartment to fall in affordable housing. In non metros,it'll be 90 sq m carpet&Rs 45 lakh cost;it'll come into effect from Apr 1 pic.twitter.com/rWJUmtVjCQ
— ANI (@ANI) February 24, 2019
इस समय निर्माणाधीन या ऐसे तैयार मकान जिनके लिए काम पूरा होने का प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) नहीं मिला हो, उन पर खरीदारों को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना पड़ता है। लेकिन वर्तमान व्यवस्था में मकान निर्माताओं को इनपुट (निर्माण सामग्री) पर चुकाये गए कर पर छूट का लाभ भी मिलता है। जीएसटी की रविवार को तय दरों के तहत उन्हें (परियोजना निर्माताओं को) इनपुट कर की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार जमीन-जायदाद की परियोजनाओं में ऐसे मकानों/भवनों पर जीएसटी नहीं लगाती है, जिनकी बिक्री के समय ‘कंप्लीशन सर्टिफिकेट' मिल चुका होता है। जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह (जीएसटी दर में कमी का) फैसला निश्चित रूप से भवन निर्माण क्षेत्र को बल प्रदान करेगा।’ वित्त मंत्री ने बताया कि लॉटरी पर जीएसटी के बारे में फैसला आगे के लिए टाल दिया गया है। इस बारे में प्रस्ताव पर चर्चा के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक फिर होगी। इस समय राज्य सरकारों द्वारा संचालित लॉटरी योजनाओं पर 12 प्रतिशत एवं राज्य सरकारों द्वारा अधिकृत लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।