गाजियाबाद हादसाः पीड़ित परिजनों ने मेरठ हाईवे पर मृतकों के शव रखकर लगाया जाम
By: Pinki Mon, 04 Jan 2021 1:42:36
गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार को श्मशान घाट में गलियारे की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद मृतकों के घर में कोहराम मचा हुआ है। सोमवार को मृतकों के परिजनों ने शव को गाजियाबाद को मेरठ से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग NH 58 पर रखकर जाम लगा दिया। पीड़ित परिवार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है। सूचना मिलने पर मौके पर प्रशासनिक अधिकारी लोगों से बातचीत कर समझाने कोशिश कर रहे है।
जानकारी के मुताबिक अंतिम संस्कार करने गए लोगों की मौत से आक्रोशित परिजनों ने एनएच-58 पर जाम लगा दिया। मृतकों के परिजन एनएच-58 पर शव रखकर बैठ गए और एनएच को जाम कर दिया। इससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। एनएच-58 पर लंबा जाम लग गया। बताया जाता है कि राजमार्ग जाम होने के कारण करीब 15 किलोमीटर तक वाहन खड़े हो गए। जाम की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी और मुरादनगर के विधायक अजीत पाल त्यागी भी परिजनों से बातचीत के लिए पहुंचे है। अधिकारियों ने परिजनों को किसी समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया। इसके बाद मृतकों के परिजनों ने फिर से एनएच जाम कर दिया। खबर लिखे जाने तक भारी पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है। बता दें कि एक बुजुर्ग की अंत्येष्टि करने परिजन, रिश्तेदार और अन्य लोग मुरादनगर के श्मशान घाट पहुंचे थे। इसी दौरान बारिश होने लगी।
तीन लोग गिरफ्तार
वहीं 25 लोगों की हुई मौत मामले में सोमवार को पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन लोगों की लापरवाही से गाजियाबाद के मुरादनगर में दो दर्जन से ज्यादा जिंदगियों पर भारी पड़ गई। उनके नाम है
निहारिका सिंह- ईओ, मुरादनगर नगरपालिका
चंद्रपाल- जूनियर इंजीनियर
आशीष- सुपरवाइजर
अजय त्यागी- ठेकेदार
मामले में ठेकेदार अजय त्यागी अभी भी फरार चल रहा है। इससे पहले अधिशासी अधिकारी, ठेकेदार अजय त्यागी, जेई सीपी सिंह, सुपरवाईजर आशीष समेत अन्य अज्ञात व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर (FIR) दर्ज की गई थी। मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम के निर्देश पर गैर इरादतन हत्या, भ्रष्टाचार लापरवाही सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज क़िया गया है।
एसपी ग्रामीण इरज राजा ने बताया कि इस मामले में मुरादनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें ईओ, जूनियर इंजीनियर और सुपरवाइजर शामिल हैं। अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी कवायद जारी है।
गौरतलब है कि दो महीने पहले ही इस गलियारे का निर्माण किया गया था। 15 दिन पहले इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। इतना ही नहीं अभी इसका लोकार्पण भी नहीं हुआ था। घटिया निर्माण की वजह से हुए इस हादसे ने अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की पोल खोल दी है।