लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान, देशभर में लागू हुई आचार संहिता, अब उम्मीदवार और पार्टी को करना होगा इन नियमों का पालन

By: Pinki Sun, 10 Mar 2019 6:42:17

लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान, देशभर में लागू हुई आचार संहिता, अब उम्मीदवार और पार्टी को करना होगा इन नियमों का पालन

लोकसभा चुनाव की जिन तारीखों का इंतज़ार पूरा देश कर रहा था उसका ऐलान हो चूका है। तारीखों का ऐलान होने के बाद देश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होना खासा मायने रखता है। क्योंकि इसके बाद कोई भी सरकार मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणा नही कर सकती है। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव आयुक्त सुनील चंद्रा ने बताया कि 7 चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे। पहला चुनाव 11 अप्रैल को होगा। वहीं नतीजे 23 मई घोषित किए जाएंगे। राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। तो आइए जानते हैं क्या होती है चुनाव आचार संहिता...

- चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए वो नियम हैं, जिनका पालन हर पार्टी और हर उम्मीदवार के लिए जरूरी है। इनका उल्लंघन करने पर सख्त सजा हो सकती है। चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। FIR हो सकती है और उम्मीदवार को जेल भी जाना पड़ सकता है।

- चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, न लोकार्पण कर सकते हैं। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन भी नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। इस पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है। उम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है। इसकी जानकारी निकटतम थाने में भी देनी होती है। सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं की जाएगी।

- कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले। मत पाने के लिए रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना भारी पड़ सकता है। व्यक्ति टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।

- किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार या भूमि का उपयोग नहीं किया जा सकता। मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक लग जाती है।

-चुनाव के दौरान यह माना जाता है कि कैंडिडेट्स शराब वितरित करते हैं, इसलिए कैंडिडेट्स द्वारा वोटर्स को शराब का वितरण आचरण संहिता द्वारा मना है।

-चुनाव अभियान के लिए सड़क शो, रैलियों या अन्य प्रक्रियाओं के कारण कोई यातायात बाधा नहीं होनी चाहिए।

-चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिन्हों का कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा।

-केवल चुनाव आयोग से वैध 'गेट पास' रखने वाले व्यक्ति को ही मतदान बूथ पर जाने की अनुमति होगी।

-हेलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस इत्यादि जैसी सार्वजनिक जगहों पर कुछ उम्मीदवारों द्वारा एकाधिकार नहीं किया जाना चाहिए। इन स्थानों को प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों के बीच समान रूप से उपयोग किया जाना चाहिए।

-प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वियों के जीवन का सम्मान करना चाहिए। उनके घरों के सामने सड़क शो या प्रदर्शन आयोजित करके परेशान नहीं करना चाहिए। नियम उम्मीदवारों को इसे ध्यान रखने के लिए कहता है।

-मतदान पर्यवेक्षकों के पास मतदान में किसी भी मुद्दे के बारे में शिकायत दर्ज की जा सकती है।

ये हैं चरणवार चुनाव की तिथियां

पहला चरण - 11 अप्रैल, 91 सीट, 20 राज्य

दूसरा चरण - 18 अप्रैल, 97 सीट, 13 राज्य

तीसरा चरण -
23 अप्रैल 115 सीट, 14 राज्य

चौथा चरण - 29 अप्रैल 71 सीट, 09 राज्य

पांचवां चरण - 06 मई 51 सीट 07 राज्य

छठवां चरण - 12 मई 59 सीट 7 राज्य

सातवां चरण - 19 मई 59 सीट, 08 राज्य

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