फंडिंग को लेकर चुनाव आयोग ने भेजा AAP को नोटिस,पूछा, 'क्यों ना चुनाव चिन्ह रद्द किया जाए?'
By: Priyanka Maheshwari Tue, 11 Sept 2018 7:14:36
आम आदमी पार्टी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी फंडिंग ब्यौरे में विसंगतियों का विषय उठाते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस पार्टी को उसके पारदर्शिता दिशानिर्देशों का पालन करने में ‘पहली नजर में नाकाम रहने पर’ कार्रवाई के लिए चेताया। दरअसल इनकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई थी जिसके आधार पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी की भेजी रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि उसने साल 2014-15 में चंदे के मामले में पारदर्शिता के चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है। आयोग ने आप से नोटिस का जवाब ‘20 दिन में’ देने को कहा और कहा कि ऐसा नहीं करने पर उसके तथा केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के पास उपलब्ध जानकारी पर गुणदोष के आधार पर फैसला किया जाएगा। आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी फंडिंग ब्यौरे में विसंगतियों का विषय उठाते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस पार्टी को उसके पारदर्शिता दिशानिर्देशों का पालन करने में ‘पहली नजर में नाकाम रहने पर’ कार्रवाई के लिए चेताया। आयोग ने अपने कारण बताओ नोटिस में दावा किया कि हवाला आपरेटरों के जरिये लेनदेन को ‘गलत तरीके से स्वैच्छिक दान के रूप में दिखाया गया।’ चुनाव आयोग ने आप से पूछा है कि उसके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए।
क्या हैं आरोप
इनकम टैक्स विभाग की चुनाव आयोग को भेजी रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी पर मुख्य रूप से तीन आरोप है।
- चंदे की जानकारी छुपाई गई- आम आदमी पार्टी के बैंक खाते में 67.67 रुपये क्रेडिट हुए जबकि पार्टी ने अपने खातों में 54.15 करोड़ रुपए ही दिखाए यानी 13.16 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं मिला और यह अज्ञात स्रोतों से माने गए
- हवाला कारोबारी से पैसा रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने 2 करोड रुपए हवाला ऑपरेटर से लिए और इनको चंदे के रुप में दिखाया
- अपनी वेबसाइट पर और चुनाव आयोग को गलत जानकारी- रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर और चुनाव आयोग को चंदे की गलत जानकारी दी। इसमें यह भी कहा गया है कि एक बार सवाल उठाने पर आम आदमी पार्टी ने अपने खातों की जानकारी बदली।
नोटिस में कहा गया है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के पारदर्शिता के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया। आम आदमी पार्टी के दिए खातों की जानकारी में अनियमितताएं पाई गई हैं। इसलिए पहली नजर में आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के कानूनी निर्देशों का उल्लंघन किया है।