लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच भारत के रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 नए फाइटर विमान की खरीद को मंजूरी दे दी है। इसके लिए कुल बजट 18 हजार 148 करोड़ रखा गया है। इसमें भारत अपने दोस्त रूस से 12 Su-30MKI और 21 MiG-29 विमान खरीदेगा। साथ ही भारतीय वायुसेना के पास पहले से मौजूद 59 MiG-29 फाइटर जेट को उन्नत बनाया जाएगा। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे। भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defense Aquisition Council) ने तीनों सेनाओं की जरूरत के हिसाब से कुल 38900 करोड़ के प्रपोजल को मंजूरी दी है।
रक्षा मंत्रालय ने 248 एस्ट्रा एयर मिसाइल की खरीदी की भी इजाजत दी। यह भारतीय एयर फोर्स और नेवी दोनों के काम आ सकेगी। इसके साथ ही DRDO द्वारा बनाई गई एक हजार किलोमीटर रेंज वाली क्रूज मिसाइल के डिजाइन को भी मंजूरी मिल गई है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने कुल 38,900 करोड़ के प्रपोजल्स को मंजूरी दी है इसमें 31 हजार करोड़ भारतीय इंडस्ट्री से होंगे। इन पैसों से पिनाका रॉकेट लॉन्चर का गोलाबारूद खरीदा जाएगा, लड़ाकू वाहनों की अप्रेडिंग आदि होगी।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद गहराता जा रहा है। तीन राउंड में हुई सैन्य अधिकारी स्तर की वार्ता के बावजूद चीन अपनी सेनाएं पीछे खींचने को तैयार नहीं है। भारत की तरफ से अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा को लेकर स्पष्ट संदेश दिया जा चुका है। अपनी सुरक्षा और अखंडता का हवाला देते हुए भारत ने 59 चीनी ऐप्स को भी प्रतिबंधित करने का फैसला किया है जिसके बाद चीन की तरफ तीखी प्रतिक्रिया दी गई है।
जुलाई में राफेल भी आ रहा
चीन से तनाव के बीच 27 जुलाई को 6 राफेल विमानों की पहली खेप भारत पहुंच जाएगी। दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों और सेमी स्टील्थ तकनीक से लैस इन विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। भारत आने वाले राफेल फाइटर जेट्स में दुनिया की सबसे ऑधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मीटिअर मिसाइल भी लगी होगी। 6 राफेल जेट फ्रांस के बोर्डोक्स से भारत उड़कर ही आएंगे।