रमज़ान के महीने में मस्जिद जाने को लेकर पाकिस्तान में बढ़ी चिंता
By: Pinki Thu, 23 Apr 2020 3:26:53
कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए पाकिस्तान (Coronavirus in Pakistan) के डॉक्टरों ने अधिकारियों और मौलवियों से अनुरोध किया है कि वे रमज़ान के दौरान मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की अनुमति के फ़ैसले को वापस ले लें। पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के डॉ क़ैसर सज्जाद का कहना है 'दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे शासकों ने एक ग़लत फ़ैसला कर लिया है। हमारे मौलवियों ने एक बेहद ही गैर-ज़िम्मेदाराना रवैया दिखाया है।' उनका कहना है कि इससे कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने का ख़तरा बढ़ सकता है जिसे बाद में क़ाबू करने में काफ़ी मुश्किल हो सकती है।
बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई। हालांकि पाकिस्तान में अभी तक संक्रमण के 10 हज़ार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या 212 है।
बलि का बकरा बना पाकिस्तान
कोरोना वायरस महामारी का गढ़ रहा चीन अब कोविड-19 वैक्सीन के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने जा रहा है। दरअसल, चीन ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक वैक्सीन बनाई है जिसका अगले तीन महीने में पाकिस्तान में ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच एक करार भी हुआ है। चीन इसके जरिए यह जानने की कोशिश करेगा कि यह वैक्सीन कितना कारगर है और इसका कोई दुष्प्रभाव तो नहीं है?
पाकिस्तानी न्यूज चैनल 92 न्यूज से बातचीत में पाकिस्तान के नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मेजर जनरल डॉक्टर आमिर इकराम ने कहा कि चीन ने वैक्सीन के ट्रायल के लिए काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, 'ऐसी आशा है कि पाकिस्तान में अगले तीन महीने में कोरोना वायरस की वैक्सीन लॉन्च कर दी जाएगी।'
असल में चीन अपने अपने वैक्सीन का पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल करने जा रहा है। किसी भी वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल के बहुत खतरे होते हैं। मरीज की जान भी जा सकती है। बीमारी और ज्यादा फैल सकती है। इन सब खतरों के बावजूद पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अपने आका चीन को खुश करने के लिए नागरिकों की जान दांव पर लगाने को तैयार हो गई है। इससे पहले चीन ने ऐलान किया था कि वह अब अपनी वैक्सीन का दुनिया के अन्य देशों में परीक्षण करेगा। इससे पहले एक चीनी रीसर्चर ने कहा था कि चीन एक वैक्सीन बना रहा है और उसकी योजना कोरोना से प्रभावित अन्य देशों में इसके क्लिनिकल ट्रायल की है।