कोरोना संकट / केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई 2021 तक नहीं मिलेगा अतिरिक्त महंगाई भत्ता
By: Pinki Thu, 23 Apr 2020 5:03:20
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संकट की वजह से देश अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इस बीच गुरुवार को भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। फैसले के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले DA यानी महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई इंस्टॉलमेंट पर रोक लगा दी गई है। महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी पर लगी ये रोक एक जुलाई 2021 तक जारी रहेगी।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार, 1 जनवरी 2020 से जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को डीए की इन्स्टॉलमेंट मिलने वाली थी, उसपर रोक लगा दी गई है।
Addl installment of Dearness Allowance (DA) payable to central govt employees & Dearness Relief (DR) to central govt pensioners, due from 1st Jan, 2020 shall not be paid. Addl installments of DA & DR from 1 July 2020 & 1 Jan 2021 shall also not be paid: Ministry of Finance (1/2) pic.twitter.com/j5SsuhYkko
— ANI (@ANI) April 23, 2020
वहीं, वित्त मंत्रालय ने कहा कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। इस प्रकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को जून 2021 तक महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं हो पाएगा। सरकार प्रत्येक 6 महीने के अंतराल पर महंगाई भत्ते में बदलाव करती है। बदलाव के बाद महंगाई भत्ता का भुगतान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से किया जाता है। इस महंगाई भत्ते को रोकने केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में करीब 37,530 करोड़ रुपए की बचत होगी।
अब इसके आगे क्या फैसला लिया जाएगा, ये 1 जुलाई 2021 को साफ होगा। ये आदेश केंद्रीय कर्मचारी और केंद्र सरकार द्वारा पेंशन पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले से लगभग 48 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे। इसका मतलब है कि कुल मिलाकर 1.13 करोड़ परिवार इस फैसले के अंतर्गत आएंगे। अमूमन केंद्र सरकार के डीए को राज्य सरकारें भी लागू करती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने जब अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्तों पर रोक लगाई है तो राज्य सरकारें भी ऐसा कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से केंद्र सरकार की ओर से कई तरह की योजनाओं में कटौती की जा रही है। इससे पहले गुरुवार को ही रक्षा बजट में कटौती की बात सामने आई है, जहां पर नए प्रोजेक्ट्स की खरीद को कुछ वक्त के लिए रोकने की बात कही गई है। इस फैसले का असर राफेल विमान, एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर भी पड़ सकता है।
इससे पहले भारत सरकार ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सांसद, मंत्रियों की सैलरी में तीस फीसदी तक की कटौती का ऐलान किया था। इतना ही नहीं, सांसद निधि फंड को भी दो साल के लिए निरस्त कर दिया गया था।