Aarogya Setu पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने दी सफाई, कहा- App पूरी तरह सुरक्षित

By: Pinki Wed, 06 May 2020 12:50:50

 Aarogya Setu पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने दी सफाई, कहा- App पूरी तरह सुरक्षित

आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu) में डेटा सेफ्टी की चिंताओं के बीच सरकार ने बुधवार को सफाई देते हुए कहा कि किसी यूजर की निजी जानकारियां लीक होने का खतरा नहीं है। सरकार ने कहा सुरक्षा मानकों का कोई उल्‍लंघन नहीं हो रहा है। हम लगातार सिस्टम को अपग्रेड और टेस्टिंग कर रहे हैं। सरकार को यह सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि, आधार सिस्टम में खामियां बताने वाले फ्रांस के एथिकल हैकर (साइबर एक्सपर्ट) एलिअट एल्डर्सन ने मंगलवार को आरोग्य सेतु ऐप के लिए भी सरकार को चैलेंज किया था। सरकार ने कहा है कि हम हैकर से बात कर चुके, चिंता करने की जरूरत नहीं है। दरअसल, एथिकल हैकर ने मंगलवार को कहा था कि 90 मिलियन भारतीयों की गोपनीयता दांव पर है। इस दावे के बाद केंद्र सरकार सामने आई और बुधवार सुबह एक विस्तृत बयान में कहा कि 'कोई डेटा या सुरक्षा उल्लंघन नहीं था' और कहा कि 'किसी भी उपयोगकर्ता की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी इस एप के कारण खतरे में साबित नहीं हुई है।'

हैकर ने ये भी कहा कि राहुल गांधी सही थे। ऐसा इसलिए कहा क्योंकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले आरोग्य सेतु ऐप में डेटा की सुरक्षा का सवाल उठाया था। 'आरोग्य सेतु ऐप' को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री और वरिष्‍ठ बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने जवाबी वार किया था। उन्‍होंने कहा था कि कांग्रेस नेता हर दिन 'एक नया झूठ' बोलते हैं। भाजपा ने कहा कि जिन लोगों ने जीवनभर केवल निगरानी रखने का काम किया, वे नहीं समझ सकते कि टेक्नोलॉजी का भलाई के कामों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

इलियट एल्डरसन के नाम का यह हैकर इससे पहले भी आधार ऐप की खामियों को उजागर कर चुका है। उसने 'सुरक्षा मुद्दे' की चेतावनी वाले कई ट्वीट किए थे। एल्डरसन ने यह भी लिखा: "PS राहुल गांधी सही थे।" अपने ट्वीट के साथ उन्‍होंने राहुल को भी को टैग किया था। एल्‍डरसन के पहले ट्वीट में कहा गया है- "HI आरोग्य सेतु, आपके ऐप में सुरक्षा से जुड़ा एक मुद्दा पाया गया है। 90 मिलियन भारतीयों की गोपनीयता दांव पर है क्या आप मुझसे निजी रूप से संपर्क कर सकते हैं? सादर। PS: राहुल गांधी सही थे।,"

इसके बाद सरकार ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप को लेकर एक एथिकल हैकर ने हमें अलर्ट किया था। हमने हैकर से दो मुद्दों पर चर्चा की है।

पहला मुद्दा: ऐप कुछ मौकों पर यूजर की लोकेशन फेच करता है।

जवाब: ऐप का डिजाइन ऐसा ही है। इस बारे में प्राइवेसी पॉलिसी में डिटेल बताई गई है। सभी के फायदे के लिए इसे यूज किया जा रहा है। यूजर की लोकेशन सर्वर पर एनक्रिप्टेड और सुरक्षित तरीके से स्टोर की जाती है।

दूसरा मुद्दा: यूजर अपना रेडियस और लैटीट्यूड-लॉन्गिट्यूड बदलकर होम स्क्रीन पर कोरोना के आंकड़े देख सकता है।

जवाब: रेडियस के पैरामीटर फिक्स हैं। 500 मीटर, एक किलोमीटर, दो किलोमीटर, पांच किलोमीटर और 10 किलोमीटर के स्टैंडर्ड पैरामीटर हैं। यूजर एक से ज्यादा लोकेशन के डेटा देखने के लिए लैटीट्यूड-लॉन्जिट्यूड बदल सकता है। सभी लोकेशन के लिए ये जानकारियां सार्वजनिक हैं। इससे किसी की निजी या संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा पर असर नहीं पड़ता।

एथिकल हैकर कौन होते हैं?

ये एक तरह से साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट होते हैं। एथिकल हैकर अंकित फड़िया का कहना है कि हैकिंग पर अभी भी नेगेटिविटी का टैग लगा है, जबकि इसका इस्तेमाल अब डेटा की सिक्योरिटी में ज्यादा हो रहा है। कंपनियां हैकिंग में ट्रेंड पर्सन को इसलिए रिक्रूट कर रही हैं क्योंकि, ऐसे लोगों को ज्यादा पता रहता है कि डेटा को कैसे हैक किया जा सकता है। इसलिए वे ज्यादा बेहतर तरीके से डेटा सिक्योर भी कर पाते हैं।

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