श्रमिक स्पेशल / जानिए कौन, कैसे कर पाएगा ट्रेन में सफर
By: Pinki Sat, 02 May 2020 09:59:29
कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को अब केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी हैं। रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए भी स्पेशल ट्रेन चलाएगी। गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम में दो दिन में दूसरी बार संशोधन करते हुए शुक्रवार को इसका रास्ता साफ़ किया। गृह मंत्रालय ने एक नया आदेश जारी कर अलग-अलग हिस्सों में फँसे प्रवासी मज़दूरों, छात्रों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचाने के लिए रेल का भी इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
इस फैसले के बाद अब रेलवे स्पेशल ट्रेनें चलाकर ऐसे लोगों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने का काम करेगी। इसके लिए 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें शुरू की गई हैं। रेल मंत्रालय ने फंसे मज़दूरों के लिए चलाई जाने वाली ट्रेन का नाम 'श्रमिक ट्रेन' रखा है। एक मई को ऐसी छह ट्रेनें चलाई जाएंगी।
- तेलंगाना से झारखंड के हटिया
- अलूवा, (केरल) से भुवनेश्वर
- नासिक से लखनऊ
- नासिक से भोपाल
- जयपुर से पटना और कोटा से हटिया
दरअसल, राज्य सरकारों ने स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत अनुरोध किया था कि ट्रेनों को पॉइंट-टू-पॉइंट चलाया जाए। यानी ये ट्रेनें बीच में कहीं नहीं रुकेंगी। पहले दिन, शुक्रवार को अलग-अलग रूट पर छह स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इन ट्रेनों के चलने के लिए दोनों राज्यों, यानी जहां से प्रवासियों को जाना है और जहां पहुंचना है, की सहमति जरूरी होगी। इन ट्रेनों में आम यात्रियों को बैठने नहीं दिया जाएगा। सरकार ने कुछ शर्तें भी तय की हैं जिनके पालन के बाद ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। आइए जानते हैं कि इन ट्रेनों में कौन-कौन सफर कर सकते हैं और क्या व्यवस्था होगी।
इन स्पेशल ट्रेन्स में सवार होने वालों की लिस्ट राज्य सरकार बनाएगी। प्रवासी मजदूरों, टूरिस्ट्स, स्टूडेंट्स और तीर्थयात्रियों को अपने गृह राज्य के पास आवेदन करना होगा। वहां के नोडल ऑफिसर जो लिस्ट तैयार करेंगे, वह रेलवे को सौंपी जाएगी। स्टेशन पर केवल उन्हीं लोगों से पहुंचने को कहा गया है जिन्हें प्रशासन चुनेगा। इसके अलावा किसी को ट्रेन्स में बैठने नहीं दिया जाएगा।
बैठने से पहले होगी स्क्रीनिंग
जिस राज्य से ट्रेन चलेगी, वहां स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग का इंतजाम होगा। सभी को स्क्रीनिंग से गुजरने और उसमें स्वस्थ पाए जाने पर ही ट्रेन में बैठने दिया जाएगा। अगर किसी तरह के लक्षण मिलते हैं तो गृह राज्य के बजाय सीधे क्वारंटीन सेंटर या होम आइसोलेशन में भेजा जा सकता है। इन ट्रेनों से सफर करने वाले हर यात्री को फेस मास्क लगाना होगा। यही नहीं, स्टेशन से लेकर पूरे सफर के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करना अनिवार्य है। जिस स्टेट से ट्रेन चलेगी, वही इन प्रवासियों की खातिर खाना-पानी का इंतजाम करेंगे। इसके लिए स्टेशन पर व्यवस्था की जाएगी। अगर सफर लंबा हुआ तो बीच में यात्रियों को भोजन-पानी की व्यवस्था रेलवे की ओर से की जाएगी।
हर कोच में यात्रियों की संख्या तय
आमतौर पर ट्रेनों में खचाखच भीड़ होती है। मगर कोरोना काल में ऐसा नहीं होगा। जो स्पेशल ट्रेन्स चलेंगी, उनमें कोच में 72 के बजाय 54 यात्रियों के बैठने का इंतजाम होगा। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने के लिए किया जा रहा है।
अपने राज्य पहुंचने पर फिर होगी स्क्रीनिंग
एक बार ट्रेन अपने गंतव्य राज्य तक पहुंच गई तो वहां के स्टेशन पर भी पैसेंजर्स की स्क्रीनिंग की जाएगी। प्रोटोकॉल वही रहेगा। अगर कोविड-19 (Covid-19) के लक्षण मिलते हैं तो उन्हें सीधे 14 दिनों के लिए क्वारंटीन सेंटर भेजा जाएगा। अगर कोई लक्षण नहीं दिखते तो पैसेंजर्स को बसों की मदद से घर पहुंचाया जाएगा। घर पहुँचने के बाद उन्हें 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।
रांची में गुलाब के फूल और भोजन के साथ हुआ मजदूरों का स्वागत
आपको बता दे, तेलंगाना के लिंगमपल्ली से लगभग 1200 मजदूरों को लेकर चली स्पेशल ट्रेन शुक्रवार रात रांची से सटे हटिया स्टेशन पहुंच चुकी है। ट्रेन में सवार मजदूर प्रदेश के विभिन्न जिलों के थे। सबसे ज्यादा गढ़वा जिले के मजदूर शामिल थे। सभी मजदूरों को अब हटिया स्टेशन से सैनिटाइज्ड बसों में इनके गृह जिलों में पूरे एहतियात और जांच के साथ भेजे जा रहे है। रेलवे स्टेशन पर इन मजदूरों का मेहमानों की तरह स्वागत हुआ, राज्य सरकार के अधिकारियों ने इन्हें गुलाब के फूल दिए और इनके लिए खाने की व्यवस्था की। रामगढ़ के एक मजदूर ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं, इतना खुश कि शब्दों में बता नहीं सकता, हमें वहां ठीक खाना मिल रहा था, यहां भी हमें ठीक व्यवस्था मिली है।'