इंदौर / पैदल, साइकिल, रिक्शा, ट्रकों में सवार हजारों लोग, बस एक ही इच्छा कैसे भी अपने गांव पहुंच जाए
By: Pinki Tue, 12 May 2020 6:52:13
सरकार द्वारा गरीबों-मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के दावों की अगर सच्चाई देखनी है तो इंदौर बाइपास पर चले जाइए। यहां जाने के बाद आपको जो दृश्य दिखाई देगा वो आपके होश उड़ा देगा। कोरोना संक्रमण के चलते यहां ऐसे दृश्य दिखाई दे रहे हैं जैसे- किसी देश का विभाजन हो रहा हो। यहां से गुजरने वाले पैदल, साइकिल, ऑटो, कार, ट्रकों में सवार हजारों लोगों की बस एक ही इच्छा है कि वह किसी भी तरह से अपने गांव-घर वापस पहुंच जाएं।
कोरोना महामारी के संक्रमण से अब इनका बड़े शहरों से मोहभंग हो चुका है। कई लोगों ने कहा कि वह अपने परिवार की जीवन की गाड़ी चलाने के लिए मुंबई, पुणे, नासिक, अहमदाबाद गए थे लेकिन, लॉकडाउन के चलते वहां उनका जीवन दूभर हो गया। सरकारों की ओर से कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण जो भी साधन मिला उससे अपने घर की ओर चल पड़े। कई लोगों के साथ तो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं।
हालांकि, इस मामले में इंदौर ने अपनी दिलदारी दिखाई और इन यात्रियों के लिए बाइपास पर ही खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। यहां कई स्टॉल्स लगे हुए हैं जहां घर लौट रहे लोगों को तरबूज, खिचड़ी, पोहे जलेबी, रोटी-सब्जी यहां तक कि पैदल चलने वालों को जूते-चप्पल तक मुहैया करा रहे हैं। इनकी कोशिश यह भी है कि कोई पैदल ना चले। इसके लिए गाड़ियां रोक-रोक कर चालकों से विनती कर इन्हें बैठाया भी जा रहा है। हालांकि, इन्हें भी कोरोना संक्रमण का उतना ही खतरा है लेकिन सेवा-भाव के आगे यह डर कुछ भी नहीं है। जो काम सरकार को करना चाहिए, वह यह सेवाभावी लोग कर रहे हैं।
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आपको बता दे, मध्य प्रदेश में मंगलवार सुबह तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 3785 हो गई। वहीं, 221 की मौत हो चुकी है। इंदौर में संक्रमितों का आंकड़ा 2 हजार को पार कर गया है। यहां 2016 मरीज ठीक हो गए हैं। 92 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। भोपाल में 810 संक्रमित मिल चुके हैं और 34 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं पैदल अपने गृह राज्यों में जा रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि अब किसी मजदूर को पैदल नहीं चलना पड़ेगा। उन्होंने कलेक्टरों को दिए है कि एनी राज्यों के लिए पैदल जा रहे मजदूरों को बस की व्यवस्था की जाए इसके साथ ही मजदूरों के लिए भोजन और उनके रहने की व्यवस्था करने के भी अफसरों को निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जिले में मजदूरों का अतिथि के रूप में स्वागत कर सभी सुविधाएं देने की बात कहते हुए पैदल चल रहे लोगों से साथ पूरी संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए है।