मदद के नाम पर चीन ने फिर लगाया चूना, कनाडा में भेजे 60,000 नकली मास्क, पहनते ही फटे
By: Pinki Wed, 08 Apr 2020 11:42:40
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में इस वायरस के खिलाफ जंग में उपयोग होने वाले उपकरणों की कमी हो गई है। इस बीच चीन ने कई देशों के मास्क की आपूर्ति के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है लेकिन ऐसी खबर सामने आ रही है कि कुछ दिनों पहले चीन ने कनाडा को 60 हजार से भी ज्यादा मास्क भेजे थे। लेकिन उनमें से ज्यादातर मास्क खराब निकल गए हैं। खराब मास्क के इस मामले ने कनाडा के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। कनाडा सरकार को शक है कि कहीं इन खराब मास्कों के उपयोग के चलते हेल्थकेयर स्टाफ कोरोना वायरस के संपर्क में तो नहीं आ गए हैं। इसके लिए कनाडा सरकार तेजी से जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि चीन से आए इन मास्कों को एक हफ्ते पहले ही टोरंटो के अलग-अलग अस्पताल में भेजा गया था। इन मास्क को एक सप्ताह से पहले ही टोरंटो के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया था। ऐसी खबरें आ रही थीं कि ये मास्क फट रहे हैं जिसके बाद उन्हें अस्पतालों से वापस मंगवाया गया है। स्पेन, नीदरलैंड्स, चेक रिपब्लिक और तुर्की भी उन देशों में शामिल हैं जहां चीन के मास्क को खराब पाया गया है। चीनी कंपनियों की तरफ से मास्क और टेस्ट किट मिले हैं। हालांकि, अभी पूरे कनाडा में खराब मास्क मिलने की रिपोर्ट नहीं आई है और यह सिर्फ टोरंटो शहर का केस है।
पब्लिक सर्विस ऐंड प्रोक्योरमेंट मंत्री अनिता आनंद का कहना है कि ओटावा की प्राइवेट कंपनियों से कहा गया है कि वे कनाडा सामान भेजने से पहले उसकी जांच करवाएं। यही नहीं सभी जरूरी समानों को अस्पताल भेजने से पहले भी उनकी जांच आवश्यक रूप से करें। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी ऐसा मामला सामने आया था जहां चीन ने अंडरवियर से बने मास्क भेज दिए गए थे और इस बात की जानकारी उन्हें तब लगी जब वे अस्पताल में भेज दिए गए थे।
इसके अलावा, टोरंटो के 10 केयर होम में 19 कोरोना पोजिटिव मामले सामने आए हैं। साथ ही हर जगह डिफ्केटिव मास्क सामने आए हैं ऐसे में उनकी चिंता और बढ़ गई है। शहर के प्रवक्ता ब्रैड रॉस का कहना है कि खराब मास्क का तब पता चला जब उन मास्कों को पहना जा रहा था। इसको लेकर वेंडर मास्क के बदले 2 लाख डॉलर वापस देने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने बताया कि 15 लोगों की कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है, लेकिन ये मामले खराब मास्क की वजह से सामने नहीं आए हैं।