रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा, मुस्लिमों के अंग निकालकर कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहा है चीन
By: Pinki Wed, 11 Mar 2020 2:23:43
दुनिया भर में कोरोना वायरस या Covid-19 (Coronavirus) के 1,10,000 से ज्यादा मामले सामने आ गए है। इस वायरस की वजह से 4000 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवा चुके है। कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया में फैला है। हालाकि, चीन में इस वायरस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इस वायरस की वजह से चीन में मरने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। चीन द्वारा इस वायरस पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे अभियान सवालों के घेरे में आ गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सरकार कैंप में बंद उइगर मुस्लिमों के अंग निकालकर कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रही है।
डेली स्टार और बाइलाइन टाइम्स में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक मशहूर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट सीजे वर्लमैन ने दावा किया है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें कोरोना वायरस पीड़ितों की जान बचाने के लिए किसी ओर्गेन की ज़रूरत पड़ी और वह बड़ी ही आसानी से उपलब्ध करा दिया गया। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन पर ऐसे इलज़ाम लगे हैं। इससे पहले भी सितंबर 2019 में ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई थीं जिनमें डिटेंशन सेंटर्स में मुस्लिमों केस साथ ज्यादती की ख़बरें आई थीं
Are Uyghur Muslim Organs Being Illegally Removed to Save China's Coronavirus Patients?@cjwerleman reports on how China is meeting organ transplant demand when the country has a voluntary donor rate of only one for every two million citizenshttps://t.co/cqzHom7q4V
— Byline Times (@BylineTimes) March 10, 2020
सीजे वर्लमैन के मुताबिक चीन ने कुछ ही दिन पहले पहली बार डबल ट्रांसप्लांट के सफल ऑपरेशन का ऐलान किया था। ये ऑपरेशन 59 साल के एक शख्स की जान बचाने के लिए किया गया था जो कि कोरोना वायरस के चलते ओर्गेन फेलियर से जूझ रहा था। हालांकि कोरोना के चलते सामान्य के मुकाबले ओर्गेन डिमांड बेहद हाई होने के बावजूद भी इस शख्स को दोनों ही अंग सिर्फ पांच दिन के भीतर उपलब्ध हो गए। ऐसे में ये सारे शक फिर से पैदा हो गए हैं कि ये अंग आखिर आ कहां से रहे हैं?
वर्लमैन अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं, 'दुनिया इस बात को लेकर पहले ही चिंतित है कि करीब 30 लाख ऊइगुर मुसलमान चीन के डिटेंशन कैंप में रह रहे हैं।'
चाइनीज ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट भी इस बात पर शक जाहिर करते हैं कि चीन में एक लंग (फेफड़ा) मिलने के लिए भी सालों की वेटिंग लिस्ट है लेकिन कोरोना के मामले में ये सिर्फ कुछ ही दिनों में उपलब्ध करा दिया जा रहा है, वो भी परफेक्ट मैच के साथ। वे आगे कहते है कि चीन उन देशों में से है जहां ओर्गेन डोनेशन रेट काफी कम है। हालांकि कोरोना के मामले में अभी तक ऐसी ख़बरें सामने आई हैं जिसमें 10000 लोगों को आसानी से ओर्गेन मिल गया है।
बता दे, भारत में कोरोना वायरस की वजह से एक शख्स की मौत हो गई है। पीटीआई के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई है। कर्नाटक के कलबुर्गी में 76 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने कोरोना वायरस के 10 नए मामलों की पुष्टि की। 8 मामले केरल और 1 राजस्थान और दिल्ली से हैं। देश भर में कुल मामले बढ़कर 60 हो गए हैं।