कभी बाहर सड़क पर भी सांप दिख जाए तो डर बैठ जाता हैं। अब जरा सोचिए कि आपके घर में ही बैड पर पांच फीट लंबा कोबरा बैठा मिले तो। ऐसा ही देखने को मिला कोटा में जहां एयरोड्रम के पास नई धानमंडी निवासी एक परिवार के यहां बेडरूम में कोबरा बैड पर फन फैलाए बैठ गया। घरवाले अपने बैडरूम में काला नाग देखकर सकते में आ गए। स्नैक कैचर ने मशक्कत के बाद सांप को पकड़ कर जंगल में छोड़ा। कोटा में बीती रात दो अलग-अलग इलाकों में घरों से कोबरा सांप रेस्क्यू कर जंगल में छोड़े गए। घर के सदस्य सोने की तैयारी में थे तभी उन्हें काली चमकीली चीज बैड के पास सरकती दिखी। देखा तो वहां काला सांप था।
कोबरा को देखकर परिवार दहशत में आ गया। हो-हल्ला मचने पर आस-पास के लोग भी आ गए। तब तक कोबरा बैड पर कुंडली मारकर जम गया। यह देखकर तो पूरा परिवार सहम गया। सूचना मिलने पर स्नैक रेस्क्यूअर गोविंद शर्मा मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद कोबरा को सुरक्षित पकड़ा। इसके बाद लाडपुरा रेंजर संजय नागर के निर्देशानुसार इसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया। गोविंद ने बताया कि यह नाग था जो काफी जहरीला होता है।
एक घर से और पकड़ा नाग
कोटा में एक और घर से नाग को रेस्क्यू किया गया। डकनिया स्टेशन स्थित एक मकान से करीब 3 फीट लंबा कोबरा रेस्क्यू किया गया। स्नैक कैचर गोविंद शर्मा ने ही इसे पकड़ा। नाग को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया। दोनों जगहों पर सांप ने किसी को डसा नहीं।
कोटा में लगातार निकल रहे हैं सांप
कोटा में पिछले साल आई बाढ़ के बाद से लगातार सांप घरों-दुकानों में निकल रहे। वहीं इस साल जनवरी से अभी तक 650 सांप रेस्क्यू किए जा चुके हैं।
इसलिए निकल रहे अधिक सांप
स्नेक रेस्क्यू एक्सपर्ट विष्णु शृंगी के अनुसार कोटा में अधिक सांप निकलने का मुख्य कारण है कि कोटा संभाग के लोग सांप को मारने में विश्वास नहीं करते हैं। इसके अलावा यहां पर सांपों के लिए पर्याप्त अनुकूल माहौल और ब्रीडिंग एरिया होने से भी सांपों की अच्छी तादाद है।
साथ ही सांपों के प्रति अवेयरनेस के कार्यक्रम भी यहां प्रोफेसर विनोद महोबिया संस्थाओं की ओर से काफी लंबे समय से चलाए जा रहे हैं। इससे भी सांपों की मृत्यु दर कम हो रही है और यह अधिक निकल रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में कोटा और उदयपुर में सबसे अधिक सांप निकलते हैं। अभी कुछ दिन पहले जिले में रावतभाटा के पास चलती कार में चालक के पैर से लिपट हुआ विशल सांप डैशबोर्ड पर आगर बैठ गया था।