आज चांद को चूमेगा Chandrayaan 2, PM मोदी की देशवासियों से अपील - जरूर देखें लैंडिंग

By: Pinki Fri, 06 Sept 2019 3:18:31

आज चांद को चूमेगा Chandrayaan 2, PM मोदी की देशवासियों से अपील - जरूर देखें लैंडिंग

चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) के चांद पर कदम रखने को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 7 सितंबर की रात 1 बजकर 55 मिनट पर चांद की धरती पर भारत का स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 उतरने वाला है। चंद्रयान-2 को लेकर पूरा देश उत्साहित है। देश गर्व के उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। चंद्रयान-2 चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा। अभी तक इस जगह पर कोई भी देश नहीं पहुंचा है। चांद के साउथ पोल पर स्पेसक्राफ्ट उतारने के बाद भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रात में चंद्रयान-2 की लैंडिंग का साक्षी बनने के लिए बेंगलुरु में इसरो के सेंटर में वैज्ञानिकों के साथ मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके देशवासियों से चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने की अपील की है। पीएम मोदी ने कहा- मैं खुद इसकी तस्वीरें ट्वीट करूंगा।

पीएम मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, '130 करोड़ हिंदुस्तानी जिस पल का इंतजार कर रहे थे, वह कुछ ही घंटे दूर है। चंद्रयान-2 आज रात चांद के दक्षिणी हिस्से की सतह पर उतरेगा। भारत और दुनिया एक बार फिर हमारे वैज्ञानिकों के दम को देखेगी।'

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं भी इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए बेंगलुरु में इसरो सेंटर में मौजूद रहूंगा। उनके साथ स्कूली बच्चे भी होंगे, जिनमें भूटान से आए बच्चे भी शामिल होंगे।' प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, '22 जुलाई 2019 को जब चंद्रयान-2 लॉन्च हुआ तब से लेकर अब तक मैंने इस मिशन पर करीब से नजर रखी है। इस मिशन की सफलता करोड़ों हिंदुस्तानियों को फायदा पहुंचाएगी।'

चंद्रयान-2 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर उस सतह के संबंध में अध्ययन करना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा की इस सतह पर बर्फ और धूप काफी मात्रा में है। माना जा रहा है कि भविष्य में मंगल मिशन के लिए इसका अध्ययन काफी मददगार साबित होगा। आइए जानते हैं लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के बारे में :-

- ‘विक्रम’ और उसके भीतर मौजूद रोवर ‘प्रज्ञान’ के सात सितंबर को देर रात 1 बज कर 30 मिनट से 2 बज कर 30 मिनट के बीच चंद्रमा के सतह पर उतरने की उम्मीद है।

- चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद विक्रम से रोवर प्रज्ञान उसी दिन सुबह पांच बज कर 30 मिनट से छह बज कर 30 मिनट के बीच निकलेगा।

- लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर रोवर प्रज्ञान को लॉन्च करेगा, जो सौर शक्ति से संचालित होगा। ये रोवर 6 पहियों पर चलेगा और 1 सेमी प्रति सेकंड की रफ्तार से बढ़ते हुए करीब 500 मीटर की दूरी तय करेगा।

- रोवर सतह से जमा किए गए डेटा लैंडर को भेजेगा। लैंडर के ज़रिए ये डेटा इसरो के अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचेगा। रोवर प्रज्ञान चंद्रमा के एक दिन या पृथ्वी के हिसाब से 14 दिनों तक सक्रिय रहेगा।

- एक चंद्र दिवस के बराबर चंद्रमा की सतह पर रहकर परीक्षण करेगा।

- चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है। लैंडर का भी मिशन जीवनकाल एक चंद्र दिवस ही होगा जबकि ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा।

- लैंडर का नाम विक्रम रखा गया है। ये संस्कृत शब्द का अर्थ साहस और वीरता से जुड़ा है। विक्रम रखने के पीछे एक मकसद वैज्ञानिक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देना भी है।

- प्रज्ञान का वजन 27 किलोग्राम है, ये 50W पावर से चलता है।

- प्रज्ञान में लगे टेरेन मैपिंग कैमरा लगा है। इससे चांद के कई और रहस्यों का पता चल पाएगा।

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