अपनी और हाथियों की मूर्ति बनवाना मायावती ने ठहराया सही, कहा- 'ये लोगों की इच्छा थी'
By: Pinki Tue, 02 Apr 2019 12:29:45
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी और हाथी की प्रतिमाओं पर पैसा खर्च करने के मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। शहरों में अपने द्वारा बनाई गई मूर्तियों की स्थापना को सही ठहराते हुए मायावती ने कहा कि ये लोगों की इच्छा थी। मायावती ने कहा कि विधानसभा की इच्छा का उल्लंघन कैसे करूं? इन प्रतिमाओं के माध्यम से विधानमंडल ने आदर व्यक्त किया है। मायावती ने यह भी कहा कि ये पैसा शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए या अस्पताल पर, यह एक बहस का सवाल है और इसे अदालत द्वारा तय नहीं किया जा सकता। प्रतिमाएं लोगों को प्रेरणा देने के लिए बनाई गई थीं। उन्होंने हाथियों की प्रतिमाओं पर कहा कि ये प्रतिमाएं केवल वास्तुशिल्प की बनावट हैं और ये बसपा के प्रतीक चिन्ह का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
She had filed the affidavit in compliance with the last order of the Supreme Court asking her that prima facie, it seems that she needs to pay back the money as she had spent a lot of public money on installation of many statutes of herself and elephants in UP. https://t.co/ipJ8dGGyMM
— ANI (@ANI) April 2, 2019
हलफनामे में मायावती ने कहा कि अनुसूचित जाति के नेताओं द्वारा बनाई गई मूर्तियों पर ही सवाल क्यों? भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों द्वारा जनता का पैसा इस्तेमाल किए जाने पर सवाल क्यों नहीं? इस हलफनामे में मायावती ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सरदार पटेल और जयललिता आदि की मूर्तियों का हवाला भी दिया है। बता दें मुख्यमंत्री रहते हुए इन मूर्तियों के लिए उनकी तरफ से बजट का उचित आवंटन किया गया था। मायावती और उनकी पार्टी के चिन्ह हाथी की प्रतिमाएं नोएडा और लखनऊ में बनवाई गई थीं।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर सकता है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में उसका विचार है कि बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रतिमाओं पर लगाया जनता का पैसा लौटाना चाहिए। एक वकील ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया है कि नेताओं द्वारा अपनी और पार्टी के चिह्न की प्रतिमाएं बनाने पर जनता का पैसा खर्च ना करने के निर्देश दिए जाएं।