तेल कीमतों के खिलाफ कांग्रेस के ‘भारत बंद’ में हिस्सा लेंगी 20 विपक्षी पार्टियां, सोनिया गांधी कर सकती हैं अगुवाई

By: Priyanka Maheshwari Mon, 10 Sept 2018 07:47:25

तेल कीमतों के खिलाफ कांग्रेस के ‘भारत बंद’ में हिस्सा लेंगी 20 विपक्षी पार्टियां, सोनिया गांधी कर सकती हैं अगुवाई

पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ने और रुपये की गिरावट के विरोध में कांग्रेस (Congress) ने आज (सोमवार) को भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया है। भारत बंद का मुख्य आयोजन सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक आयोजित किया जाएगा।

कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक बंद की शुरुआत सोमवार सुबह 8 बजे महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित करने के बाद एक छोटे प्रदर्शन के साथ हो सकता है। कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं से बंद के दौरान किसी भी हिंसा से दूर रहने की अपील की है।

कांग्रेस का दावा है कि उसे 20 विपक्षी दलों का समर्थन हासिल है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन और वामपंथी नेताओं ने कांग्रेस की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ का खुला समर्थन किया है जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इस बंद से दूर रहने का निर्णय किया है। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि जिन मुद्दों पर बंद बुलाया जा रहा है, वह उस पर साथ है, लेकिन पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषित नीति के मुताबिक वह राज्य में किसी तरह की हड़ताल के खिलाफ है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस विरोध का नेतृत्व कर सकती हैं। राजनीतिक दलों के अलावा भारतीय राष्ट्रीय किसान यूनियन ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में साथ देने की बात कही है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 52 महीनों में देश के लोगों से 11 लाख करोड़ रुपए ‘लूटे’ हैं और भाजपा सरकार चलाने की बजाय ‘‘मुनाफाखोर कंपनी’’ चला रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतें हर रोज बढ़ रही हैं, उससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों का कोई जिक्र नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें लोगों के दुख-दर्द से कोई मतलब ही नहीं है।’’ उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भाजपा को सत्ता से बेदखल करके देश में बदलाव लाएं।

रविवार को दिल्ली में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने यह कहकर कांग्रेस पर जबरदस्त हमला किया कि उसके राष्ट्रीय नेतृत्व को कोई नेता नहीं मानता। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर हमला किया और कहा कि उन्हें विपक्ष का छोटा सा दल भी नेता स्वीकार करने को तैयार नहीं है, ऐसे में विपक्ष का महागठबंधन बनना लगभग नामुमकिन है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी इसी तरह की बात कही है। ऐसे में सोमवार को बुलाया गया भारत बंद विपक्षी दलों की एकता के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है। खुद कांग्रेस को भी इस बात का एहसास है। यही कारण है कि उसके नेताओं ने बंद को सफल बनाने के लिए कमर कस लिया है। आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी इस बन्द को अभूतपूर्व बनाने की बात कही है। साल 2019 के चुनाव के पूर्व यह विपक्षी दलों की रणनीति के हिसाब से यह कार्यक्रम बेहद अहम माना जा रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बंद को हिंसा मुक्त बनाने का अनुरोध करता हूं। हम महात्मा गांधी की पार्टी के हैं और हमें अपने आप को किसी हिंसा से नहीं जोड़ना चाहिए।’ रविवार को पेट्रोल और डीजल के दाम नई ऊंचाई पर पहुंच गए। रविवार को पेट्रोल के दामों में 12 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 10 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। माकन ने कहा कि उन्हें यह देखकर ‘दुख’ हुआ कि भाजपा की यहां हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कच्चे तेल के बढ़ते दामों पर चुप्पी साधे रखी गई और महंगाई या रूपये के अवमूल्यन पर कोई चर्चा नहीं हुई। ये ऐसे मामले हैं जो सीधे आम आदमी से जुड़े हैं।

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