रामदेव की 'कोरोनिल' पर उठे सवाल, ट्रायल के दौरान कोरोना के गंभीर मरीजों को नहीं किया गया था शामिल!

By: Pinki Thu, 25 June 2020 2:05:44

रामदेव की 'कोरोनिल' पर उठे सवाल, ट्रायल के दौरान कोरोना के गंभीर मरीजों को नहीं किया गया था शामिल!

बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कोरोना दवा कोरोनिल (Coronil) लॉन्च होते ही सवालों के घेरे में आ गई है। बुधवार को आयुष मंत्रालय द्वारा बाबा रामदेव से जवाब मांगे जाने के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि उन्होंने ऐसी किसी दवा के लिए लाइसेंस नहीं दिया है। वहीं, राजस्थान सरकार की तरफ से कहा गया है कि उन्हें इस दवा के ट्रायल की कोई जानकारी नहीं है। बता दे, दवा के लॉन्च के दौरान बाबा रामदेव ने दावा किया था कि यह दवा कोविड-19 के मरीजों को 100% ठीक कर सकती है। बाबा रामदेव ने कहा था कि इस दवा का ट्रायल राजस्थान के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्चेस (NIMS) में किया गया है। ये एक प्राइवेट अस्पताल है जहां पर कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है।

गंभीर रोगियों को नहीं किया गया ट्रायल में शामिल

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दवा का ट्रायल सिर्फ हल्के लक्षणों वाले और लक्षणविहीन कोरोना रोगियों पर किया गया है। लेकिन जैसे ही रोगियों में लक्षण गंभीर हुए तो उन्हें एलोपैथिक दवाएं दी गईं। इस ट्रायल के दौरान कोरोना के गंभीर रोगियों को शामिल ही नहीं किया गया था।

फाइनल रिपोर्ट अभी भी पेंडिंग

निम्स जयपुर के चीफ इन्वेस्टिगेटर डॉ गनपत देवपुरा के मुताबिक-ये सौ मरीजों पर किए गए ट्रायल की सिर्फ एक अंतरिम रिपोर्ट थी। फाइनल रिपोर्ट 15 से 25 दिनों के भीतर आएगी। इसके बाद ही इसे पीयर रिव्यू यानी बेहतर मूल्यांकन के लिए भेजा जाएगा। डॉ गनपत ने साफ किया है कि जब ट्रायल के दौरान रोगियों में बुखार या अन्य लक्षण उभरे तो उन्हें एलोपैथिक दवाएं दी गईं।

कैसे हुआ ट्रायल?

इस ट्रायल के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ गनपत ने कहा है- 'ये एक डबल ब्लाइंड रैंडमाइज्ड ट्रायल था। 50 मरीजों को प्लेसेबो और 50 मरीजों को आयुर्वेदिक इलाज दिया गया था। हमने पहले, तीसरे और सातवें दिन RT PCR टेस्ट किए थे। और इनमें से 69% मरीजों का टेस्ट तीसरे दिन निगेटिव आया था। प्लेसेबो ग्रुप में सिर्फ 50% का टेस्ट निगेटिव आया। सातवें दिन किए गए टेस्ट में आयुर्वेदिक दवाओं वाले ग्रुप के सभी मरीज निगेटिव आए थे जबकि प्लेसेबो ग्रुप में 65%। यानी 35% रोगियों का इलाज आगे भी जारी रहा। आयुर्वेदिक इलाज में मरीजों को स्वसरी रस (500 MG), अश्वगंधा (500 MG), गिलोय अर्क (500 MG), तुलसी अर्क(500 MG) दिए गए।'

राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के मेडिकल हेल्थ ऑफिसर नरोत्तम शर्मा का कहना है- 'NIMS अस्पताल में सिर्फ लक्षणविहीन कोरोना रोगी ही भर्ती कराए जा रहे हैं। इसलिए ये कहना उचित नहीं कि इस दवा ने कोरोना रोगियों का 100% इलाज कर दिया है।' वहीं राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर रघु शर्मा के मुताबिक- 'ये क्लीनिकल ट्रायल बिना सरकार से अनुमति लिए किए गए हैं। क्लीनिकल ट्रायल को लेकर स्पष्ट गाइडलाइंस मौजूद हैं।'

बता दे, राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, ऐसे में महाराष्ट्र में इस दवा की बिक्री पर फिलहाल रोक रहेगी। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को अपने ट्वीट में लिखा, 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि के 'कोरोनिल' का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगी।'

गौरतलब है कि बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल पर आयुष मंत्रालय ने आपत्ति जाहिर की थी इसके बाद राजस्थान पहला राज्य था जिसने बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार ने अपने आदेश में कहा कि केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधी का विक्रय नहीं किया जा सकता। राजस्थान सरकार ने कहा कि कोरोना महामारी के उपचार की दवा के रूप में किसी भी औषधी का विक्रय पाए जाने पर विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। इससे पहले केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने रामदेव के दावों पर सवाल खड़े कर दिए थे। विज्ञापन पर रोक लगाया गया और दवा की जांच की बात कही गई है। पतंजलि से दवा के बारे में जानकारी मांगी गई।

आयुष मंत्रालय के बाद उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग ने भी पतंजलि की ओर से किए गए दावों को गलत बताया है। साथ ही पंतजलि को नोटिस भी जारी कर दिया। हालांकि पतंजलि का दावा है कि उसने आयुष मंत्रालय को मांगी गई सारी जानकारी भेज दी है। योग गुरु बाबा रामदेव का दावा है कि कोरोना के खिलाफ पतंजलि की दवा बिल्कुल सही है।

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