पतंजलि की कोरोना दवा पर आयुष मंत्रालय ने उठाए सवाल, विज्ञापन पर लगाई रोक

By: Pinki Tue, 23 June 2020 10:19:26

पतंजलि की कोरोना दवा पर आयुष मंत्रालय ने उठाए सवाल, विज्ञापन पर लगाई रोक

कोरोना वायरस संकट के बीच आज मंगलवार को पतंजलि की तरफ से दावा किया गया कि उन्होंने कोरोना को मात देने वाली दवा की खोज कर ली है। बाबा रामदेव ने कोरोनिल (Coronil) नामक इस दवा की घोषणा भी कर दी है। अब आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद से इस दवा के संबंध में संज्ञान लेते हुए पूरी जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उसे इस दवा के संबंध में तथ्‍यों के दावे और वैज्ञानिक शोध के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मंत्रालय का कहना है कि कंपनी की तरफ से जो दावा किया गया है उसके फैक्ट और साइंटिफिक स्टडी को लेकर मंत्रालय के पास कोई जानकारी नहीं पहुंची है।

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इसके अलावा आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद की ओर से दवा के दावों का विज्ञापन और प्रचार बंद करने को कहा है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि यह रोक तब त‍क रहेगी जब तक कि इस मुद्दे की विधिवत जांच नहीं हो जाती। मंत्रालय ने COVID -19 के उपचार के लिए दावा की जा रही आयुर्वेदिक दवाओं के लाइसेंस और उत्पाद संबंधित अनुमति की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड सरकार के संबंधित राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से अनुरोध किया है।

हालाकि, पंतजलि के योगगुरु रामदेव ने कहा कि हमने मंजूरी लेकर ही क्लीनिकल ट्रायल किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन और गौरव देने वाली है, जो क्मयूनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है। योगगुरु रामदेव ने कहा कि इतना बड़ा काम किया गया है कि इतने सवाल तो होने ही हैं। सबका जवाब दे दिया गया है। ये जो सरकार है आयुर्वेद विरोधी सरकार नहीं है। मंजूरी मिलने के बाद ही आगे बढ़े। रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिया गया है। हमने 100 फीसदी क्लीनिकल ट्रालय के लिए जो सरकार द्वारा निर्धारित हैं उन मापदंडों का पालन किया है। जो अप्रूलवल लेना चाहिए था उसे लिया। मुझे लगता है कि थोड़ा कम्यूनिकेशन गैप थो वो अब खत्म हो गया है। अब इसमें कोई विवाद नहीं है।

रामदेव ने कहा कि हमें विज्ञापन करने की जरूरत नहीं है। इस समय लाखों लोग ये दवा मांग रहे हैं। हमारी विज्ञापन करने की कोई मंशा नहीं है। जो क्लीनिकल कंट्रोल के नतीजे है हमने उसकी घोषणा की। हमने खुद भी नीम्स के डॉक्टरों से पूछा है। सब जगह प्रकाशित हुआ। 280 मरीजों का डेटा हमारे पास है।

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