स्विस बैंकों में भारतीयों के धन पर जेटली की सफाई, बोले- जमा पूरी रकम 'काला धन' नहीं

By: Priyanka Maheshwari Sat, 30 June 2018 07:57:58

स्विस बैंकों में भारतीयों के धन पर जेटली की सफाई, बोले- जमा पूरी रकम 'काला धन' नहीं

स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के मामले को विपक्ष द्वारा मुद्दा बनाए जाने पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आलोचना करते हुए शुक्रवार को अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखी है जिसमें उन्होंने बताया कि स्विस बैंकों में जमा ज्यादातर पैसा उन भारतीयों का है, जो अब विदेशों में रह रहे हैं और इस पूरे धन को काला धन नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्विस बैंक अपने यहां जमा धनराशि की जानकारी साझा करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन वैश्विक दबाव के बाद ऐसा संभव हो पाया है। अब ये जानकारी मांगने वाले देशों को डिटेल देने के लिए राजी हो गए है। उन्होंने कहा जल्द जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी उसके बाद गैरकानूनी तरीके से रकम जमा करने वाले लोगों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। स्विस बैंक सही समय आने पर खुलासा करने को तैयार है और इसीलिए कर चोरी करने वालों के लिए यह सुरक्षित जगह नहीं है।

उल्लेखनीय है कि इसी संबंध में कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भी विपक्ष द्वारा मुद्दे को लेकर घेरे जाने के बाद सफाई दी है। गोयल ने कहा है कि वहां जमा सारी रकम काला धन नहीं है, लेकिन साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले में कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

swiss bank,india,money,bjp,arun jaitley,black money ,नरेंद्र मोदी सरकार,स्विस बैंकों में भारतीयों का धन,अरुण जैतली

उन्होंने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड में हुई एक द्विपक्षीय संधि के अनुसार स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2018 से 31 दिसंबर, 2018 तक के भारतीय के बैंक अकाउंट के आंकड़े उपलब्ध करवाएगा। आंकड़ा प्राप्त होने से पहले कैसे कहा जा सकता है कि वहां के बैंकों में जमा रकम काला धन है या अवैध लेन-देन है।

गोयल ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) लागू की गई थी, जिसके तहत एक व्यक्ति को हर साल 2.50 लाख डॉलर बाहर भेजने की अनुमति दी गई थी। स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम में जो बढ़ोतरी हुई है, उसका 40 फीसदी तो एलआरएस के कारण है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने लिखा, 'ब्रेकिंग न्यूज वित्त सचिव अधिया को एक बड़ी कामयाबी मिली है। गुप्त स्विस बैंक अकाउंट में जमा धन में पिछले 12 महीनों में वैश्विक तौर पर 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं भारतीय जमाराशि 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। अधिया इससे ज्यादा संभाल लेते अगर राजेश्वर (प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी) बीच में नहीं आते।'

बता दें कि बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा रकम 50 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7,000 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि इससे पहले के तीन साल में इसमें गिरावट दर्ज की गई थी।

2016 में दर्ज हुई थी गिरावट

2016 में स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में 45 फीसदी गिरावट आई थी। सर्वाधिक सालाना गिरावट के बाद यह 676 मिलियन स्विस फ्रैंक (4,500 करोड़ रुपये) रह गया था। 1987 में यूरोपियन बैंक द्वारा आंकड़े सार्वजनिक करने की शुरुआत के बाद यह सबसे निचला स्तर था।

हर तरह के जमा में हुई बढ़ोतरी

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में 3,200 करोड़ रुपये का कस्टमर डिपॉजिट, 1,050 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के जरिये और 2,640 करोड़ रुपये अन्य लायबिलिटीज के रूप में शामिल थे। एसएनबी के मुताबिक, 2017 में भारतीयों की ओर से हर तरह से होने वाले जमा में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई।

भारत से ज्यादा पाक का जमा

2017 में स्विस बैंकों में पाकिस्तान के नागरिकों की जमा राशि में 21 फीसदी कमी आई है। पाकिस्तानियों ने 1.15 अरब स्विस फ्रैंक (7,700 करोड़ रुपये) स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा कराए। तीन साल से जमा में गिरावट के बावजूद पाकिस्तानियों की कुल जमा राशि भारतीयों से करीब 700 करोड़ रुपये ज्यादा है।

विदेशियों के 100 लाख करोड़

एसएनबी की ओर से जारी आधिकारिक सालाना आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों में सभी विदेशी ग्राहकों का कुल धन 1.46 खरब स्विस फ्रैंक (करीब 100 लाख करोड़ रुपये) से अधिक है। 2017 में विदेशी ग्राहकों के जमा में कमी के बावजूद स्विस बैंकों के मुनाफे में 25 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com