अमिताभ बच्चन को दिए इंटरव्यू में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया - सबसे पहले किसे मिलेगी कोरोना वैक्सीन

By: Pinki Mon, 30 Nov 2020 1:23:03

अमिताभ बच्चन को दिए इंटरव्यू में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया - सबसे पहले किसे मिलेगी कोरोना वैक्सीन

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अब कोरोना वैक्सीन को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। आज पूरे देश में हर कोई ये जानने की कोशिश में लगा हुआ है कि आखिर कोरोना वैक्सीन कब आएगी। सब यह जानना चाहते है कि कोरोना वैक्सीन कब तक आएगी और हर भारतीय तक कैसे पहुंचेगी। इस सभी सवालों के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Harshvardhan) से बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने सवाल पूछे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रका​शित अमिताभ बच्चन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के इंटरव्यू के कुछ बातें...

अमिताभ बच्चन - कोरोना महामारी के इस संकट के दौर में देश के कोने कोने से सेवाभाव की कई मशालें प्रज्ज्वलित दिखीं। आप इन अनुभवों के बारे में क्या कहना चाहेंगे।

डॉ. हर्षवर्धन- अमिताभ जी आपने बहुत सुंदर प्रश्न किया है। कोरोना के समय ही नहीं जब पहली बार मेरे हृदय में भारत को पोलियो मुक्त करने का सपना पैदा हुआ और दिल्ली से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। उस वक्त जिस तरह से ढेर सारी समाजसेवी संस्थाए सामने आईं, जिस तरह से एक साधारण इंसान मेरी ताकत बनने की कोशिश करने लगा, उसे देखने के बाद मैं समझ चुका था कि भारत के डीएनए में परोपकार और सेवा-भाव है। हमारे देश के लोगों के खून में इंसानियत का भाव बहता है। कोविड के समय में कई समाज सेवी संस्थानों ने सेवाएं दी लेकिन इससे भी ज्यादा बड़ा मेरे लिए जो इस कोविड हीरो की तरह उभर के आया वह एक आम इंसान था। जिस समय लॉकडाउन में लोग घरों में कैद थे उस वक्त लोगों ने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। हमने देखा है कि अगर किसी के घर के लोग कोरोना से प्रभावित हो गए तो दूसरे लोगों ने उनके घर के बाहर खाना रख दिया था। ऐसी भी तस्वीरें देखने को मिलीं, जिसमें लोगों ने पक्षी, परिंदे, आवारा कुत्ते, गाय और अन्य जानवरों को खाना खिलाया।

अमिताभ बच्चन- कोरोना के इस काल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने जिस तरह से सेवा की है उसके लिए पूरा देश उन्हें सिर झुका कर नमन करता है। ऐसे कोरोना योद्धाओं के लिए सरकार क्या कुछ करेगी।

हर्षवर्धन- मैं समझता हूं कि जनता ने अपनी तरफ से कोरोना योद्धाओं को हर तरह का सम्मान दिया है। मैं हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस इनोवेटिव एक्सपेरिमेंट का स्मरण करता हूं जब 22 मार्च को उन्होंने देश के लोगों से कहा था कि वह वह शाम 5 बजे घर से बाहर निकलें और अपने अंदाज में थाली बजाकर, ताली बजाकर देश के कोरोना वॉरियर्स को, डॉक्टर्स को, नर्सेज को, पैरामेडिकोज को और भी इस तरह के वॉरियर्स को सैल्यूट करें। मुझे वो वीडियो आज भी याद है जिसमें एक महिला जो ईंट उठाने का काम करती थी उसने सिर पर ईंट उठा रखी थी और एक डंडी से ईंट को पीटकर कोरोना वॉरियर्स को सम्मान दे रही थी। जहां तक सरकार का प्रश्न है तो हमने बहुत ही शुरुआती दौर में देश भर के सभी कोविड वॉरियर्स के लिए सोचना और काम करना शुरू कर दिया था। इसके तहत अगर किसी कोरोना वॉरियर की दुर्भाग्य से मौत हो जाती है तो उसके लिए 50 लाख रुपये तक का बीमा किया गया है। आज तक 400 से 500 हमारे कोविड वॉरियर्स शहीद हुए हैं उनमें से बहुत सारे के इंश्योरेंस क्लेम सेटल हो चुके हैं और बहुत सारे लोगों के प्रोसेस में हैं। हमने 5 सीट्स एमबीबीएस में इन कोविड वॉरियर्स के वार्ड्स के लिए घोषित की हैं।

अमिताभ बच्चन- कोरोना वैक्सीन को लेकर तमाम बातें कही जा रही हैं। आपके मुताबिक कोरोना वैक्सीन कब तक आ जाएगी। देश के हर नागरिक तक टीका पहुंचने में कितना वक्त लगेगा? क्या अनुमान है आपका?

हर्षवर्धन- कोरोना वैक्सीन को लेकर आज हर एक इंसान के मन में जिज्ञासा है। कोरोना वैक्सीन बना रहे वैज्ञानिकों से हमारे पास जो जानकारी आ रही है उसके हिसाब से 2021 के पहले दो से तीन महीनों के अंदर देश के लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। हमारी अभी तक की योजना के मुताबिक जुलाई तक हम लगभग देश के 30 करोड़ लोगों को टीका लगा देंगे। सबसे पहले हेल्थ वर्कर सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के, उसके बाद फील्ड में काम करने वाले जैसे पुलिस, कारपोरेशन के कर्मचारी, सैनिटेशन के लोग, पैरामिलिट्री फोर्सेज, आर्मी के जवान शामिल होंगे। इसके बाद 65 साल से ऊपर के लोग हैं और फिर 50 और 65 के बीच के लोग हैं इसमें रखे जाएंगे। इसके बाद 50 साल के कम के लोग जिनको कोई भी बीमारी है पहले से शरीर में, डायबिटीज है, हार्ट की बीमारी है, किडनी की तकलीफ है, इन लोगों को पहले कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। हमारे आंकड़ों के मुताबिक 30 करोड़ के करीब इन सभी लोगों को जून जुलाई-अगस्त तक वैक्सीन दे दी जाएगी।

अमिताभ बच्चन- भारत में पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर टीके का काम हुआ है। आपकी राय में इस वैक्सीन को सभी लोगों तक पहुंचने में बहुत सारी मुसीबतें आएंगी?

हर्षवर्धन- हमारे यहां रोटावायरस, टाइफाइड, जापानी बुखार और मलेरिया के टीके पर पहले से काम चल रहा है। अब कोरोना वैक्सीन पर भी काम किया जा रहा है। पहले जिन वैक्सीन को बनाने में 8 से 10 साल लगते थे, वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन को बनाने में कमाल कर दिया है। हमें पता है कि गांव, पहाड़ी क्षेत्रों, आदिवासी क्षेत्रों और देश के दूर दराज के इलाकों में वैक्सीन पहुंचाना एक चुनौती है। इस पर हम पिछले 3 महीने से काम कर रहे हैं। 130 करोड़ की जनता तक कोरोना वैक्सीन कैसे पहुंचेगी, कितने रेफ्रिजरेटर्स की जरूरत होगी, कितने और इंसुलेटेड रेफ्रिजरेटर जो वैन्स हैं उनकी और जरूरत होगी, कितने वैक्सीन करियर्स की और जरूरत होगी, कितने करोड़ सीरिंज की जरूरत होगी, कितने हेल्थ वर्कर्स, वैक्सीनेटर्स की जरूरत होगी, कितनी उनके असिस्टेंट की जरूरत होगी। इन सारे प्लेटफार्म पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी इस विषय को खुद मॉनिटर कर रहे हैं।

आपको बता दे, भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्य बढ़कर 94 लाख से अधिक हो गई है। इसमें से 88 लाख 84 हजार से अधिक लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह आठ बजे जारी आंक़़डों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 38,772 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 94 लाख 31 हजार 692 हो गई है। 443 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की कुल संक्या बढ़कर 1 लाख 37 हजार 139 हो गई है। देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 4 लाख 46 हजार 952 है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 4.74% है।

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