दुर्घटनाग्रस्त विमान AN 32 में सवार सभी 13 लोगों के शव बरामद, हेलिकॉप्टर की मदद से लाया जाएगा शवों को
By: Pinki Thu, 13 June 2019 5:32:41
वायुसेना के लापता विमान एएन-32 (AN-32) में सवार सभी 13 जवान के शव बरामद कर लिए गए हैं। अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटनास्थल से अब शवों को लाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली जाएगी। बता दें कि आज ही भारतीय वायुसेना ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि विमान AN-32 में सवार कोई भी यात्री जिंदा नहीं बचा है। भारतीय वायुसेना ने कहा कि आठ सदस्यों का बचाव दल क्रैश साइट पर पहुंच गया है, जहां उन्हें कोई भी जीवित शख्स नहीं मिला है। एएन-32 विमान में सवार रहे सभी 13 कर्मियों के परिजनों को किसी के भी जीवित नहीं मिलने की सूचना दी जा चुकी है। एयरफोर्स को दुख है कि एएन 32 की दुर्घटना में कोई भी नहीं बचा है।
वायुसेना ने ट्वीट कर कहा था, ''एएन 32 विमान की दुर्घटना में विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, वारंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरीन, लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज, नॉन काम्बटेंट कर्मचारी पुतली और नॉन काम्बटेंट कर्मचारी राजेश कुमार का निधन हुआ है।'' वायुसेना ने इस बड़े नुकसान पर दुख प्रकट किया है और इन्हें एयर वॉरियर कहा है। साथ ही जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
All 13 bodies and black box of the #AN-32 transport aircraft recovered. Choppers would be used to ferry the bodies from the crash site in Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/CN4d5ekl5t
— ANI (@ANI) June 13, 2019
आपको बता दे, वायुसेना का विमान एएन 32 इसी महीने 3 जून को लापता हो गया था। विमान ने असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के शि-योमि जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी और करीब आधे घंटे बाद विमान का संपर्क नियंत्रण कक्ष से टूट गया था। 3 जून से ही बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन जारी था। काफी मशक्कत के बाद वायुसेना ने 11 जून को हवाई ऑपरेशन में मलबे का पता लगाया। वायुसेना ने कहा कि खोज अभियान में जुटे वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने टाटो के उत्तरपूर्व और लिपो के उत्तर में 16 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर विमान के मलबे को देखा।
11 जून को सर्च ऑपरेशन में शामिल टीम दुर्घटना स्थल पर नहीं पहुंच सकी। 12 जून यानि कल वायुसेना की टीम को घटना स्थल पर एयरड्रॉप किया गया। जिसके बाद आज विमान में सवार रहे सभी 13 लोगों की मौत की पुष्टि की गई।
बता दें कि ईस्ट अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियां बेहद रहस्यमयी मानी जाती हैं और यहां पहले भी कई बार ऐसे विमानों का मलबा मिला है, जो दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लापता हो गए थे। जिस जगह पर विमान का मलबा मिला है, वह करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
अलग-अलग रिसर्च के मुताबिक, इस इलाके के आसमान में बहुत ज्यादा टर्बुलेंस और 100 मील/घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा यहां की घाटियों के संपर्क में आने पर ऐसी स्थितियां बनाती हैं कि यहां उड़ान बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है। वहीं, यहां की घाटियां और घने जंगलों में घिरे हुए किसी विमान के मलबे को तलाश करना ऐसा मिशन बन जाता है जिसके पूरा होने में कई बार सालों लग जाते हैं।
खोज अभियान में सुखोई 30 विमान, सी-130जे और एएन-32 विमान तथा एमआई-17 तथा एएलएच हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली गईं। अभियान में सेना, आईटीबीपी और राज्य पुलिस के जवान भी शामिल थे।
#Update on #An32 crash: Eight members of the rescue team have reached the crash site today morning. IAF is sad to inform that there are no survivors from the crash of An32.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) June 13, 2019
1986 में एयरफोर्स में हुआ था शामिल
रूस निर्मित एएन-32 (AN-32) परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। वर्तमान में, भारतीय वायुसेना 105 विमानों को संचालित करती है जो ऊंचे क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों को लैस करने और स्टॉक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें चीनी सीमा भी शामिल है। 2009 में भारत ने 400 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट यूक्रेन के साथ किया था जिसमें एएन-32 की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड और एक्सटेंड करने की बात कही गई थी। अपग्रेड किया गया एएन-32 आरई एयरक्राफ्ट 46 में 2 कॉन्टेमपररी इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर्स शामिल किए गए हैं। लेकिन एएन-32 को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था।